सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बिभव कुमार को स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में जमानत दे दी है। बिभव कुमार करीब 100 दिन से जेल में थे। दिल्ली पुलिस की तरफ से राजू ने कहा कि अदालत को घटना पर ध्यान देना चाहिए। सीएम के आवास पर एक महिला सांसद से इस तरह से मारपीट की गई ये गंभीर मामला है। जस्टिस सूर्यकांत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आपके गवाह शायद वहीं हैं, जहां ये घटना हुई। हम इसका ध्यान रखेंगे।
इन शर्तों पर मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने बिभव को जमानत देते हुए कुछ शर्तें रखी हैं, जिनका बिभव और आम आदमी पार्टी के नेताओ को पालन करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बिभव कुमार सीएम ऑफिस और उनके आवास नहीं जाएंगे। वह इस केस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। बिभव को कोई सरकारी पद नहीं दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी भी इस केस की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
18 मई को गिरफ्तार हुए थे विभव
स्वाति मालीवाल से जुड़े कथित मारपीट के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार 18 मई को गिरफ्तार हुए थे। इसे बाद निचली अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने बिभव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुईयां की बेंच ने सुनवाई के बाद बिभव को जमानत दे दी है।
क्या है मामला ?
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल 13 मई को उनसे मिलने के लिए उनके आवास पहुंची थीं। हालांकि, स्वाति के पास अपॉइंटमेंट नहीं था। ऐसे में उन्हें गेट पर ही रोक लिया गया, लेकिन स्वाति ने सुरक्षाकर्मियों से बहस की और अंदर आ गईं। जब वह अंदर पहुंचीं तो उन्हें इंतजार करने के लिए कहा गया। थोड़ी देर रुकने के बाद वह केजरीवाल के कमरे की तरफ जाने लगीं। इसी दौरान विभव ने उन्हें रोक दिया था। स्वाति का आरोप है कि इस दौरान विभव ने उनके साथ मारपीट और अभद्रता की थी।