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भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निलंबित कर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, जाने मामला

जयपुर: भाजपा ने अपनी पार्टी के पूर्व विधायक को निलंबित कर दिया। दरअसल, अलवर में मौजूद एक मंदिर के ‘शुद्धिकरण’ को लेकर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा विवादों में घिरे हुए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं पार्टी ने उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी किया है। पूर्व विधायक से भाजपा ने तीन दिन में जवाब मांगा है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने मंगलवार को ज्ञानदेव आहूजा को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।

कारण बताओ नोटिस जारी

पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को जारी नोटिस में लिखा है, ‘‘भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको तुरंत प्रभाव से भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया जाता है।’’ नोटिस के अनुसार, ज्ञानदेव आहूजा इन आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण देना चाहें तो तीन दिन में दे सकते हैं जिसके बाद उनके खिलाफ तदनुसार अग्रिम अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। इसमें यह भी लिखा गया है कि इस मामले में आहूजा के बयान व कृत्य से पार्टी की छवि धूमिल हुई है और उनका कृत्य घोर अनुशासनहीनता की परिधि में आता है।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया था। यहां एक दिन पहले हुए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली ने हिस्सा लिया था। भाजपा नेता के अनुसार, कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है, क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का ‘बहिष्कार’ किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था। लेकिन अपने इस कृत्य को लेकर आहूजा कांग्रेस पार्टी के निशाने पर आ गए। पार्टी ने भाजपा नेता के बयान को ‘दलित विरोधी मानसिकता का नमूना बताया है।’

कांग्रेस ने विरोध में खोला मोर्चा

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेता की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।’’ राज्य में अनेक जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आहूजा के बयान व कृत्य के विरोध में प्रदर्शन किया। कई जगह आहूजा का पुतला भी फूंका गया। दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं।

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