देश की राजधानी दिल्ली में कई खूबसूरत पार्क हैं, लेकिन यहां के सराय काले खां इलाके में बना बांसेरा पार्क इन सभी पार्कों से बिलकुल अलग है. यह दिल्ली-एनसीआर का इकलौता पार्क है जिसे बांस की कई प्रजातियों से बनाया गया है. यहां आपको बेहद खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे, साथ ही सुकून के पल बिताने के लिए भी यह पार्क बहुत अहम है.
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा बांसेरा पार्क यमुना नदी के किनारे बनाया गया है. इसे बैंबू थीम पर सजाया गया है. इस पार्क में अधिकतर चीजों को बांसों के जरिए बनाया गया है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. पार्क में तीन जोन बनाए गए हैं. एक जोन में बांस की कलाकृतियां हैं तो दूसरे जोन को डेवलप किया जा रहा है, जहां बच्चे फन और गेम्स का जमकर मजा उठा सकेंगे. वहीं पार्क में बनाया गया तीसरे जोन में लेक व्यू और म्यूजिकल फाउंटेन्स बनाया गया है.
मिलेगा म्यूजिकल फाउंटेन का मजा
दिल्ली का यह बांसेरा पार्क साल 2022 से आम लोगों के लिए खोल दिया गया. इस पार्क में 30 हजार से ज्यादा बांस लगाए गए हैं जो 25 प्राजातियों के हैं. इनके अलावा फूलों की कई प्रजातियां भी आपको देखने के लिए मिलेंगी. बांसेरा पार्क दिल्ली-एनसीआर में बिलकुल अलग थीम का पार्क है. यहां आपको म्यूजिकल फाउंटेन का भी मजा मिलेगा. इसे दिल्ली मेट्रो द्वारा लगाया गया है. इसमें आपको सोमवार को छोड़कर हर रोज शाम 6:30 और 7:30 बजे दो अलग-अलग म्यूजिक शो देखने को मिलेंगे.
13 हजार बांसों की डिजाइन
डीडीए ने बांसेरा पार्क को 12-15 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया है. यह पार्क कालिंदी अविरल परियोजना के 163 हेक्टेयर के अंतर्गत आता है. पार्क का नाम बांसेरा रखा गया, जिसे हिंदी शब्द ‘बसेरा’ से लिया गया. जिसका अर्थ है ‘निवास’, इसलिए इसका नाम बांसेरा – बांस का निवास रखा गया. ये पार्क लगभग 15 किस्मों के लगभग 13000 बांसों के बीच डिजाइन किए गए स्थानों के मामले में एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है.
ये लगी हैं बांस की प्रजातियां
इस पार्क में बांस की प्रजातियां लगाई गई हैं. इनमें बम्बूसा बालकूआ, बम्बूसा बम्बोस, बम्बुसा कैच्रेन्सिस, बम्बुसा नूतन, बम्बुसा पल्लिडा, बम्बुसा पॉलीमोर्फा, बम्बुसा स्ट्रेटा, बम्बुसा टुल्डा, बम्बुसा वेंट्रिकोसा, डेंड्रोकैलेमस एस्पर, डेंड्रोकैलामस ब्रैंडिसि, डेंड्रोकैलामस हैमिल्टन, डेंड्रोकैलेमस लॉन्गिस्पैथस, डेंड्रोकैलामस स्टॉक्स, डेंड्रोकैलामस स्ट्रिक्टस, मेलोकाना बैसीफेरा, फाइलोस्टैचिस नाइग्रा, सासा फॉर्च्यूनी शामिल हैं.