बांग्लादेश में हिंसा और अशांति के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद भारत शरण ली हैं. उनके बेटे साजिब वाजेद जॉय ने शेख हसीना के भविष्य को लेकर बातचीत की. पीटीआई से उन्होंने कहा कि शेख हसीना बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होने के बाद वापस आएंगी. साजिब वाजेद जॉय ने पाकिस्तान की आईएसआई पर बांग्लादेश में अशांति फैलाने आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की शीघ्र बहाली के लिए भारत सरकार को अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए.
जॉय ने दावा किया था कि उनकी मां भागना नहीं चाहती थीं, लेकिन परिवार ने उन्हें मना लिया था, जिन्हें उनकी जान का डर था. उन्होंने कहा कि मैं इसलिए चिंतित नहीं था, क्योंकि वह बांग्लादेश छोड़ रही थीं, बल्कि इसलिए क्योंकि वह बांग्लादेश नहीं छोड़ना चाहती थीं. हमें उन्हें मनाना पड़ा. उन्होंने समझाया कि वहां कोई राजनीतिक आंदोलन हीं हो रहा है, बल्कि यह भीड़ उन्हें मार डालेगी.
उन्होंने कहा कि हसीना ने इस कृत्य से एक दिन पहले ही इस्तीफा देने का फैसला किया था और उन्होंने ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी नहीं दी थी, लेकिन जब तक प्रदर्शनकारियों ने उनके घर की ओर मार्च करना शुरू नहीं किया, तब-तक उनका जाने का कोई इरादा नहीं था.
एक दिन पहले ही इस्तीफा देने का किया था फैसला
साजिब वाजेद जॉय ने कहा कि उनकी मां ने एक दिन पहले ही इस्तीफा देने का फैसला कर लिया था. हममें से कुछ ही लोग जानते थे कि वह घोषणा करेंगी कि वह इस्तीफा दे रही हैं और उनकी योजना संविधान के अनुसार सत्ता का हस्तांतरण सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों गणभवन की ओर मार्च करना शुरू किया तो उन लोगों को डर लगने लगा और उन्होंने उनसे बांग्लादेश छोड़ने के लिए कहा.
जॉय ने यह भी दावा किया है कि हसीना के संयुक्त राज्य अमेरिका या यूनाइटेड किंगडम में शरण मांगने की खबरें “सभी अफवाहें” हैं. उन्होंने कहा कि ये (अमेरिका और यूके में शरण की योजना के बारे में रिपोर्ट) सभी अफवाहें हैं. उन्होंने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. वह कुछ समय के लिए दिल्ली में रहने वाली हैं.
क्या भारत में ही रहेंगी शेख हसीना?
उन्होंने कहा कि उनकी मां स्वस्थ हैं और अपनी बहन के साथ रह रही हैं, लेकिन वह बहुत ही परेशान हैं. प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हसीना 5 अगस्त की शाम को भारत पहुंचीं. आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं है कि वह दिल्ली में ही रहेंगी या बाद में किसी अन्य स्थान पर चली जाएंगी. गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में हसीना खुद ही निर्णय लेंगी कि वह भारत में रहेंगी या कहीं और.
बांग्लादेश में हिंसा और आगजनी पर लगेगा लगाम, सेना और पुलिस ने उठाये ये कदम
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद पूरा देश हिंसा की आग में जल रहा है. बांग्लादेश की सेना ने अन्य सशस्त्र बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर गुरुवार को बैठक की. इस बैठक में देश में हिंसा, आगजनी और तांडव रोकने कदम उठाए गए. सेना और पुलिस ने देश भर में चल रही अराजकता, आगजनी और विध्वंसकारी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.
सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सैन्य बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों ने मौजूदा स्थिति के बीच देश की स्थिरता की रक्षा के लिए अन्य कानून और व्यवस्था बलों के साथ मिलकर कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है.
बयान में यह भी कहा गया है कि यह फैसला सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान, पुलिस के नवनियुक्त आईजीपी मोहम्मद मैनुल इस्लाम, आरएबी के महानिदेशक और डीएमपी आयुक्त के बीच नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों की मौजूदगी में हुई बैठक में लिया गया.
पुलिस स्टेशनों में शुरू होंगी गतिविधियां
बैठक में अगले 24 घंटों के भीतर सेना की मदद से देश के सभी पुलिस स्टेशनों की गतिविधियां शुरू करने पर भी चर्चा हुई. बयान में सेना ने इस संबंध में सभी के सहयोग का आह्वान किया.
नव-नियुक्त पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने कहा कि कुछ गैर-पेशेवर अधिकारियों ने मानवाधिकार की परवाह किये बिना पुलिस बल का इस्तेमाल किया. जिसकी वजह से ही इतनी हिंसा हुई है और इस कारण ही पुलिसकर्मियों की मौत हुई और कई घायल भी हुए हैं.
पुलिसकर्मियों को दिये गये ये निर्देश
उन्होंने कहा कि देश भर के सभी पुलिसकर्मियों को अपने-अपने कार्यालय, सार्वजनिक व्यवस्था प्रबंधन, पुलिस लाइन और बैरक में लौटने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. पुलिस आयुक्त और जिलों के पुलिस अधीक्षक अपने-अपने अधिकार क्षेत्र के पुलिस थानों में पेशेवरों, छात्र प्रतिनिधियों, राजनीतिक, वरिष्ठ नागरिकों, और मीडियाकर्मियों के साथ नागरिक सुरक्षा समितियां बनाएंगे.
हम जनता से आग्रह कर रहे हैं कि समिति फिलहाल पुलिस थानों और थाना क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपातकालीन भूमिका निभाएगी और इसकी अंतिम रूपरेखा बाद में तैयार की जाएगी.