Azam Khan: सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने 12 अलग-अलग एफआईआर के मामलों में अंतिम निर्णय पर रोक लगा दी है. जस्टिस दिनेश पाठक की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है. इस मामले पर तीन जुलाई को अगली सुनवाई होगी, कोर्ट ने तब तक ट्रायल जारी रखने की अनुमति दी है.
मोहम्मद इस्लाम उर्फ इस्लाम ठेकेदार और एक अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद इस मामले पर तीन जुलाई को अगली सुनवाई की तारीख दे दी है और तब तक ट्रायल जारी रखने की अनुमति दी है.
दरअसल, ये पूरा मामला साल 2019 और 2020 के बीच का है, जब रामपुर कोतवाली में ये सभी एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में आरोप वक्फ संपत्ति (यतीम खाना वक्फ नंबर 157) पर अनधिकृत निर्माण हटाने को लेकर है, जिस पर रामपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट में इन सभी मामलों की संयुक्त सुनवाई चल रही है.
इसी मामले को लेकर आज 18 जून को पूर्व सांसद आजम खान और वीरेंद्र गोयल की एक अन्य याचिका पर होगी सुनवाई. यह याचिका ट्रायल कोर्ट के 30 मई के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई है.
याचिका में कहा गया है कि मुख्य गवाहों को दोबारा बुलाने की मांग खारिज कर दी गई थी और 2016 की बेदखली कार्रवाई के वीडियोग्राफिक साक्ष्य को भी पेश करने की अनुमति नहीं मिली थी.
याचिकाकर्ता का दावा है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी द्वारा साक्ष्य स्वीकार किए गए. उनकी अनुपस्थिति साबित करके मोहम्मद आजम खान को बरी कर सकते हैं. मामला अब तीन जुलाई को फिर से कोर्ट में सूचीबद्ध किया गया है.
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