अयोध्या: यूपी के अयोध्या में 2 मुस्लिम युवकों ने अपना धर्म त्याग दिया और सनातन धर्म अपना लिया। इस दौरान उन्होंने अपना नाम भी बदल लिया। इन युवकों का कहना है कि उन्होंने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी के प्रवचनों से प्रभावित होकर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया।
अयोध्या के सोहावल क्षेत्र के दो मुस्लिम युवकों ने सनातन धर्म अपना लिया है। मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी के पुत्र अरशद सिद्दीकी ने नाम बदलकर राकेश मौर्य रख लिया है और दूसरे युवक मोनू,पुत्र उस्मान ने नाम बदलकर मनीष रख लिया है। दोनों युवकों का कहना है कि अब वे अपने परिवार से कोई नाता नहीं रखेंगे और वे पूरी श्रद्धा और आस्था से हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करेंगे।
अयोध्या डीएम के नाम आवेदन सौंपा
दोनों युवकों ने संपूर्ण समाधान दिवस पर डीएम अयोध्या के नाम आवेदन भी सौंपा। युवकों का आवेदन, भरत हनुमान मिलन मंदिर के महंत परमात्मा दास और बजरंग दल मंत्री लालजी शर्मा ने दिया। युवकों का कहना है कि वे संत प्रेमानंद के प्रवचनों से बेहत प्रभावित थे।
दोनों युवकों ने कहा कि सनातन धर्म अपनाने से उन्हें मानसिक शांति मिली है। इस मौके पर भरत हनुमान मिलन मंदिर ने इन युवकों की घर वापसी की पूरी जिम्मेदारी ली है।
राकेश मौर्य बने युवक ने क्या बयान दिया?
अरशद सिद्दीकी से नाम बदलकर राकेश मौर्य बने युवक ने कहा, “हमने ये धर्म परिवर्तन किसी दबाव या लोभ में नहीं किया है। 2014 से ही हमारे सारे मित्र नॉन मुस्लिम हैं। हमारा जो उठना-बैठना और तमाम चीजें हैं, वह उन्हीं के साथ हैं। हम इधन-उधर दर्शन करने के लिए भी जाते रहे। इसकी वजह से हम हिंदू धर्म की ओर प्रेरित हुए और हमने ये कदम उठाया। हमारे परिवारवालों को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि हमारा, परिवार से पिछले 8 सालों से कोई संबंध नहीं है। ना वो हमारी चीजों में सम्मलित होते हैं और ना हम उनकी चीजों में सम्मलित होते हैं।”
राकेश मौर्य बने युवक ने कहा, “हम एक आईटी प्रोफेशनल हैं और विप्रो कंपनी में जॉब कर रहे हैं। हम पिछले 10 सालों से आईटी कंपनी में ही जॉब कर रहे हैं। हमारा परिवार से कोई मतलब नहीं है। हमने डीएम ऑफिस में एक आवेदन दिया है, जिससे हमारे आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स में हमारा नया नाम अपडेट हो सके।”
दूसरे युवक मोनू का भी सामने आया बयान
दूसरे युवक मोनू (नया नाम-मनीष) ने कहा, “हमें हिंदू धर्म अच्छा लगता है। अपनी मर्जी से हमने धर्म परिवर्तन किया है, किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। महाराज जी की कृपा से हमें बहुत अच्छा लग रहा है। हमें अपनी बिरादरी में अच्छा नहीं लग रहा था, इसलिए हमने फैसला किया कि हमें उनके साथ नहीं रहना है। आगे से हम अपने हिसाब से रहेंगे। मेरा नाम पहले मोनू था लेकिन अब मनीष कुमार हो गया है।”