गर्मी से बचने के लिए लोग लगातार एसी चला रहे हैं, लेकिन यह जानलेवा हो सकता है। एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से बचाना है तो उसे लगातार न चलाएं। साथ ही, 600 घंटे चलने पर सर्विस जरूर कराएं।
एसी की सर्विस, रखरखाव व अन्य मामलों पर आईआईटी दिल्ली के एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग के प्रोफेसर संजीव सांघी ने बताया कि एसी को लगातार 18 से 20 डिग्री सेल्सियस पर न चलाएं। इससे कंप्रेसर पर अधिक दबाव बनता है।
इन कारणों से हादसे की आशंका ज्यादा
रखरखाव में लापरवाही : एसी की नियमित सर्विस नहीं कराने से कंप्रेसर में धूल जमा हो सकती है, जिससे कंप्रेसर पर दबाव बढ़ता है और वह फट सकता है।
ओवरहीटिंग : यदि कंप्रेसर लगातार हाई टेम्प्रेचर पर चलता रहता है तो उसमें आग लगने या विस्फोट की आशंका काफी बढ़ जाती है।
वोल्टेज का उतार-चढ़ाव : वोल्टेज के उतार-चढ़ाव से कंप्रेसर की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है और इसे नुकसान पहुंच सकता है, जो ब्लास्ट का कारण बन सकता है।
गैस लीकेज : कंप्रेसर में रेफ्रिजरेंट गैस का लीकेज होने से भी ब्लास्ट हो सकता है। लीकेज होने पर गैस का प्रेशर असामान्य हो सकता है, जो कंप्रेसर को नुकसान पहुंचा सकता है।
कूलिंग फैन की गड़बड़ी : कूलिंग फैन का सही तरीके से काम नहीं करना भी ओवरहीटिंग और ब्लास्ट का कारण बन सकता है।
कंप्रेसर में विस्फोट से बचने के उपाय
● घरों और ऑफिस में लगातार 12 से 18 घंटे तक एसी चलाने से बचें। बीच-बीच में एक से तीन घंटे एसी को बंद रखें। इससे कंप्रेसर व्यवस्थित रहेगा और उससे जल्दी सर्विस की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
●गैस लीकेज की जांच : समय-समय पर गैस लीकेज की जांच कराएं। गैस रिफिलिंग भी सर्टिफाइड टेक्नीशियन से ही कराएं।
●वोल्टेज का ध्यान रखें : वोल्टेज स्टेबलाइजर का इस्तेमाल करें, ताकि वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से कंप्रेसर को नुकसान न हो।
●सर्विस और मेंटेनेंस : एसी की नियमित रूप से सर्विस कराएं। इससे कंप्रेसर की सफाई, ऑयलिंग और अन्य देखभाल हो सकेगी। तय करें कि हर छह महीने या साल में कम से कम एक बार सर्विस हो।
●एयर फिल्टर और कूलिंग कॉइल्स की सफाई : एयर फिल्टर और कूलिंग कॉइल्स को नियमित तौर पर साफ करें। इससे कंप्रेसर पर अतिरिक्त प्रेशर नहीं पड़ेगा और वह सही तरीके से काम करेगा।
●कूलिंग फैन की जांच : नियमित रूप से कूलिंग फैन की जांच करें। अगर कूलिंग फैन में कोई समस्या हो तो उसे तुरंत ठीक करवाएं।