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अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया, आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही, आतिशी के कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट में एक नया नाम शामिल

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इस बीच आतिशी के कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट में एक नया नाम शामिल होने जा रहा है। दरअसल सुल्तानपुर माजरा के विधायक मुकेश अहलावत एससी-एसटी कोटे से दिल्ली सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं। इसके अलावा चार मंत्री पुराने ही रहेंगे। आतिशी को मिलाकर 5 पुराने मंत्री रहेंगे और 1 मंत्री का पद फिलहाल खाली रहेगा। अगर आतिशी कैबिनेट के मंत्रियों में आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, गोपाल राय, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत का नाम शामिल है, जबिक एक मंत्रिपद अब भी खाली रहेगा।

कौन हैं मुकेश अहलावत?

मुकेश अहलावत सुल्तानपुर माजरा विधानसभा सीट से विधायक हैं। साल 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में अहलावत ने पहली बार इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राम चंदर छावरिया को हराकर जीत दर्ज की थी। बता दें कि अहलावत ने भाजपा के उम्मीदावर को 48,052 मतों के अंतर से हराया था। अहलावत को इस दौरान 74,573 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदर राम चंदर छावरिया को 26,521 वोट मिले थे। बात दें कि मुकेश अहलावत को अब दिल्ली सरकार में एससी-एसटी कोटे के तहत मंत्री बनाया गया है। हालांकि 4 मंत्री पुराने ही रहेंगे, जबकि मंत्रिमंडल की एक सीट अब भी खाली है।

आतिशी का शपथ लेना बाकी

बता दें कि 17 सितंबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। केजरीवाल के इस्तीफे के साथ ही अब दिल्ली में आतिशी पारी शुरू हो चुकी है। इसी दिन आदमी पार्टी के विधायक दल ने आतिशी को अपना नेता चुना और आतिशी ने केजरीवाल के प्रति पूरी निष्ठा दिखाई। यहां तक की फूल मालाओं और बधाईयों के लिए भी आतिशी ने समर्थकों से मना कर दिया। दिल्ली में बीते 48 घंटे से चल रहा सियासी ड्रामा अब खत्म हो चुका है। अब आतिशी का शपथ लेना मात्र बाकी रह गया है।

21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं, उनके साथ ही 5 अन्य मंत्री भी शपथ लेगें, इनमें से 4 पुराने व एक नए चेहरे मुकेश अहलावत को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं मुकेश अहलावत?

दिल्ली सरकार के नए मंत्रिमंडल के 5 मंत्रियों के नामों का खुलासा हो गया है, इस मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत नए चेहरे हैं, बाकी 4 पुराने ही मंत्री हैं, जिनमें गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन के नाम हैं। आतिशी 21 सितंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। उन्हीं के साथ ये 5 मंत्री भी शपथ ग्रहण करेंगे। मुकेश अहलावत पहली बार के विधायक हैं, उन्हें आतिशी के मंत्रिमंडल में एससी-एसटी कोटे से मंत्री बनाया जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं इनके बारे में…

कौन हैं मुकेश अहलावत?

मुकेश अहलावत 2020 में पहली बार सुल्तानपुर माजरा से AAP से चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने। राजेंद्र पाल गौतम और राजकुमार आनंद के इस्तीफ़े के बाद दिल्ली सरकार के कैबिनेट में एक दलित मंत्री की जगह ख़ाली हो गई थी। इसी खाली जगह को मुकेश अहलावत के नाम से भरा गया है। पहली बार मुकेश अहलावत 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान आप के नार्थ वेस्ट दिल्ली से उम्मीदवार के तौर पर चर्चा में आए थे।

क्यों बनाए जा रहे मंत्री?

समीकरणों को देखें तो, आतिशी कैबिनेट में SC-ST कोटे से मंत्री बनाना आप सरकार की राजनीतिक मजबूरी भी थी। सबसे पहले दिल्ली सरकार के SC-ST मामले के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम को हिन्दू देवी देवताओं के ऊपर गलत टिप्पणी करने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद वो आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। राजेन्द्र पाल गौतम के बाद राजकुमार आनंद को SC-ST मामले का मंत्री बनाया गया था। फिर वो भी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।MLA मुकेश अहलावत

दोनों पुराने मंत्री लगा चुके हैं गंभीर आरोप

कांग्रेस में आते ही दोनों ही पूर्व मंत्री ने बड़ा बयान दिया कि आप सरकार में SC-ST का भला नहीं हो सकता है। ऐसे में आम आदमी पार्टी दिल्ली में समय से पहले चुनाव करवाना चाहती है। बता दें आतिशी के पास अभी 13 मंत्रालय हैं जिनमें फाइनेंस, रेवन्यू, पीडब्ल्यूडी और एजुकेशन मंत्रालय भी हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल में लोगों के बढ़ने से ये भार भी कम हो सकता है।

समझें एससी-एसटी सीटों का गणित

गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 12 विधानसभा सीट SC-ST के लिए रिजर्व है, जबकि 18 से 19 विधानसभा सीट पर SC–ST मतदाता की तादाद अच्छी-खासी है। ऐसे में आप आदमी पार्टी चुनाव से पहले कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। लिहाजा दिल्ली कैबिनेट में एससी-एसटी कोटे से मुकेश अहलावत, एक नया चेहरा शामिल किया गया। इनके जरिए पार्टी जनता को मैसेज देने के कोशिश करेगी कि उन्हें एससी-एसटी लोगों की खासा फ्रिक है। साथ ही इनके नाम के सहारे दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता के वोट लेने की भी कोशिश करेगी।

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