ईपीएफ़ओ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफ़ओ ने फ़ंड ट्रांसफ़र को ऑटोमैटिक बना दिया है. इस नए नियम के तहत ईपीएफ़ खाताधारक जैसे ही अपनी नौकरी बदलेंगे, उसके साथ ही उनका पुराना पीएफ़ बैलेंस नए खाते में ट्रांसफ़र हो जाएगा. यानी नई नौकरी शुरू करने पर आपको पीएफ़ बैलेंस ट्रांसफ़र करने के लिए ईपीएफ़ओ को अर्ज़ी देने की ज़रूरत नहीं होगी, यह ऑटोमैटिकली आपके नए नौकरी देने वाले के खाते में जमा हो जाएगा.
एनपीएस
नेशनल पेंशन सिस्टम के लॉग-इन प्रोसेस में एक अप्रैल से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. पीएफ़आरडीए अब टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन लागू कर रहा है. इसके बाद कोई भी एनपीएस खाताधारक आधार बेस्ड ओटीपी के ज़रिए ही एनपीएस लॉग-इन कर पाएगा. सरकार ने 15 मार्च 2024 को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया था.
नई टैक्स रिजीम
एक अप्रैल 2024 से नई टैक्स रिजीम, डिफॉल्ट टैक्स रिजीम के रूप में लागू होने जा रही है. इसका मतलब यह है कि अगर आप खुद पुरानी टैक्स रिजीम नहीं चुनते हैं तो आपका इनकम टैक्स नई टैक्स व्यवस्था के मुताबिक ही कैलकुलेट किया जाएगा. नई टैक्स प्रणाली के तहत टैक्स ब्रैकेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी अगर आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये या इससे कम है तो आपको नई टैक्स रिजीम के तहत कोई आयकर नहीं देना होगा.
एसबीआई क्रेडिट कार्ड
एसबीआई बैंक की ओर से क्रेडिट कार्ड के नियम में बड़ा बदलाव किया गया है. नए नियम के तहत अब एसबीआई के सभी क्रेडिट कार्ड्स से किराए का भुगतान करने पर रिवॉर्ड प्वाइंट्स नहीं मिलेंगे. ये बदलाव कुछ क्रेडिट कार्ड में एक अप्रैल, 2024 से कुछ क्रेडिट कार्ड में 15 अप्रैल, 2024 से लागू होने जा रहा है.
फ़ास्टैग
फ़ास्टैग का भी नियम एक अप्रैल से बदलने जा रहा है. अगर आपने 31 मार्च 2024 तक अपने फ़ास्टैग के केवाईसी प्रोसेस को पूरा नहीं किया है तो आपका फ़ास्टैग एक अप्रैल से काम करना बंद कर देगा.
लीव इनकैशमेंट
अभी तक प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट पर 3 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया है. आपको बता दें कि इस टैक्स बेनिफिट का लाभ कर्मचारी को तब मिलेगा, जब वो नौकरी बदलेंगे या फिर रिटायर होंगे. वहीं, अगर आप नौकरी के दौरान छुट्टी की जगह कैश ले रहे हैं तो इस लीव इनकैशमेंट पर आपको टैक्स भरना पड़ेगा, क्योंकि इसे भी सैलरी का हिस्सा माना जाता है.