आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले में अमरेश्वर मंदिर के पास एक बौद्ध स्तूप है. वैसे तो सातवाहनों के समय यहां बौद्ध धर्म आया था, लेकिन यहां एक बार फिर से बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ अवशेष पाए गए हैं. दरअसल, धरणी कोटा में हर दिन की तरह खेत में किसान काम कर रहे थे. खेत में ट्रैक्टर से जुताई के दैरान कुछ सामान ट्रैक्टर से टकराया तो पिचैया किसान के बेटे वेंकटराव ने वहां खुदाई की.
खुदाई के बाद मौके से दूधिया पत्थर मिला, जिसमें मूर्ति के कुछ आकार बने हुए हैं. इसे देखकर वेंकेटराव ने पुरातत्व विभाग के अधिकारी को इसकी सूचना दी. पुरातत्व विभाग के अधिकारी पिचैया किसान के खेत में गए, जहां उन्होंने मूर्ति को देखा तो बताया कि ये क्रिपू है. मूर्ति में बुद्ध की मां माया की पूजा होती हुई दिखाई दे रही है. मूर्ति के नीचे उस समय का एक शिलालेख भी बना हुआ दिखाई दिया है.
बौद्ध संग्रहालय में रखा जाएगा
किसान के खेत में मिली मूर्ति किस काल की है और मूर्ति पर लिखी हुई चीजें किस भाषा में हैं, इन सभी बातों का पता अभी नहीं चल पाया है. पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि अभी इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है, जांच के बाद ही इसका पता चल पाएगा.
इस मूर्ति को अमरावती के बौद्ध संग्रहालय में रखा जाएगा. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा कि धारणी किले में खुदाई किए जाने पर यहां और भी मूर्तियों के पाए जाने की संभावना है. यहां मिली मूर्ति संगमरमर कला से जुड़ी हुई है.
दुनिया भर से आते हैं लोग
अमरेश्वर मंदिर के पास बौद्ध स्तूप को दुनिया भर से लोग देखने के लिए आते हैं. सातवाहन काल में यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी आए हुए थे. यहां से पाए गए बहुत से अवशेषों को संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाता है. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा किया इसे संग्रहालय में लोगों को देखने के लिए रखा जाएगा.