मणिपुर में एक बार फिर डर और दशहत का माहौल देखा जा रहा है. 1 सितंबर को राज्य में शुरू हुई हिंसा फिर से बढ़ती जा रही है और सोमवार (2 सितंबर) को लगातार दूसरे दिन भी इंफाल में ड्रोन से हमला हुआ. उग्रवादियों के इस हमले में इंफाल पश्चिम में तीन लोग घायल हो गए, जबकि इंफाल पूर्व में एक भारतीय रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के बंकर में तोड़फोड़ की गई.
सोमवार को हुए इस हमले से एक दिन पहले रविवार को भी हमला देखा गया, सबसे पहले ड्रोन से यह हमले तब शुरू हुए जब उग्रवादियों ने मैतई लोगों के एक गांव कोत्रुक में हमला कर दिया, जोकि पश्चिम इंफाल में मौजूद है. इस हमले में एक महिला की मौत हुई और 16 लोग घायल हुए.
3 लोग हुए घायल
पुलिस अधिकारी ने इस हमले की जानकारी देते हुए बताया कि यह हमले शाम 5 बजे चिरांग जिले (जहां सेनजाम मैतई की आबादी ज्यादा है) और हरोथेल जिले (जहां कुकी आबादी का दबदबा है) के बीच गोलीबारी हुई. शाम करीब 6:30 बजे दो भाई-बहन के घर पर बम गिरा, जिसमें वो घायल हो गए, साथ ही एक और व्यक्ति इस हमले में घायल हुआ है.
दोनों घायलों की पहचान वाथन सनातोम्बी और वाथन सनातोम्बा हुई हैं, दोनों हमले के बाद घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें फौरन इंफाल के अस्पताल ले जाया गया. इसी के साथ यह भी जानकारी दी गई कि कुछ अज्ञात लोगों ने सुबह 4 बजे नोर्थ इंफाल जिले के सगोलमांग में मौजूद इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की एक चौकी पर भी हमला किया.
राज्य में डर और दशहत का माहौल
मणिपुर में रविवार को हुए हमलों में एक महिला की मौत हुई, साथ ही उसकी 12 साल की बेटी भी गंभीर रूप से घायल हुई. कथित रूप से कहा जा रहा है कि यह हमले उग्रवादियों ने किए.
हालांकि, लगातार दो दिन हुए ड्रोन हमलों के बाद पूरे शहर में तबाही मच गई है और लोगों के बीच डर और दशहत बढ़ गई है, जिसके बाद सिविल सोसाइटी ग्रुप के लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. सिविल सोसाइटी ग्रुप का कहना है कि जब इलाके में पुलिस और फोर्स तैनात है तो उसके बाद भी ड्रोन हमले क्यों और कैसे हो रहे हैं, इन पर लगाम क्यों नहीं कसी जा रही है.
बीजेपी विधायक ने उठाए सवाल
मणिपुर से बीजेपी के विधायक राजकुमार इमो सिंह ने लगातार दूसरे दिन हुए ड्रोन हमलों के बाद केंद्र सरकार से सवाल पूछना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, अगर मणिपुर में फोर्स हमलों को रोक नहीं पा रही है तो केंद्र सरकार सारी फोर्स को राज्य से हटा लें.
राजकुमार इमो सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा, मणिपुर में 60 हजार से ज्यादा तैनात फोर्स भी शांति सुनिश्चित नहीं कर पा रही है, इसीलिए बेहतर है कि इन सभी तैनात बल को हटा लिया जाए, जो सिर्फ मूक दर्शक बने हुए हैं.
गृह विभाग ने जारी किया बयान
मणिपुर में हुए हमलों के बाद गृह विभाग ने रविवार को कहा था, मासूम गांव वालों पर जो भी हमले हुए, जिन्होंने भी इन हमलों की शुरुआत की उनको सजा जरूर दी जाएगी. साथ ही कहा गया कि मणिपुर में यह हमले उस समय हुए हैं जब सरकार वहां शांति लाने के काम कर रही है.