Amit Shah:-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘J&K and Ladakh Through the Ages’ पुस्तक के विमोचन के दौरान कहा कि कश्मीर का नाम कश्यप से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कश्मीर में भारत की संस्कृति की नींव पड़ी थी, और यहां सूफी, बौद्ध और शैल मठों ने बहुत अच्छा विकास किया।
अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने कश्मीरी, डोगरी, बालटी और झंस्कारी भाषाओं को सरकारी स्वीकृति दी है, जिससे कश्मीर की छोटी-छोटी भाषाएं जीवित रह सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर की संस्कृति और भाषाओं को लेकर विशेष ध्यान है। गृह मंत्री ने धारा 370 और 35ए के बारे में भी बात की, जिनका उद्देश्य देश को बांटने और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए था। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने इन धाराओं को हटाकर कश्मीर में विकास के रास्ते खोले हैं।
उन्होंने कहा कि इन धाराओं के कारण आतंकवाद पनपा था, लेकिन इनकी समाप्ति के बाद अब कश्मीर में शांति बढ़ी है। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास अब इस पुस्तक के जरिए प्रमाणित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत का इतिहास और संस्कृति पूरे देश में फैली हुई है, और कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा, और इस पुस्तक में इसके ऐतिहासिक प्रमाण दिए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर में जो मंदिर पाए गए हैं, वे भारत और कश्मीर के बीच अटूट संबंधों को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास कभी भी लुटियन दिल्ली से नहीं लिखा जा सकता, उसे वास्तविकता को समझकर और प्रमाणों के आधार पर लिखा जाना चाहिए। अमित शाह ने अंत में कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सीमाएं सांस्कृतिक परंपरा के आधार पर तय होती हैं, और दुनिया में कोई भी देश हमें भू-राजनीतिक नजरिए से परिभाषित नहीं कर सकता। भारत की एकता और अखंडता की ताकत उसकी संस्कृति में निहित है।
अनुच्छेद 370 पर बोले अमित शाह
अमित शाह ने कश्मीर के विशेष दर्जे को देने वाली अनुच्छेद 370 और 35A की आलोचना करते हुए कहा कि ये प्रावधान देश को एकजुट होने से रोकते थे. उनके अनुसार, इन धाराें ने कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया और आतंकवाद को फैलने का रास्ता दिया. उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के तहत इन धाराओं को हटाने से कश्मीर में शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है. इस निर्णय से कश्मीर के युवाओं में अलगाववाद की भावना कम हुई है, और राज्य की विकास की दिशा में नई उम्मीदें जगी हैं.
“कश्मीर है भारत का अभिन्न अंग”
अमित शाह ने यह भी कहा कि कश्मीर भारतीयता का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हमेशा रहेगा. कश्मीर के ऐतिहासिक मंदिरों और संस्कृत के प्रयोग से यह साबित होता है कि कश्मीर का भारतीय संस्कृति से गहरा संबंध रहा है. उन्होंने कश्मीर में भारतीय संस्कृति के तत्वों को दर्शाते हुए यह भी कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरे भारत की सीमाएं सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ी हुई हैं, न कि केवल भौगोलिक आधार पर.
इतिहास प्रमाणों के आधार पर लिखा जाना चाहिए- अमित शाह
अमित शाह ने यह भी कहा कि भारतीय इतिहास को सिर्फ दिल्ली में बैठकर नहीं, बल्कि वास्तविक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर लिखा जाना चाहिए. उन्होंने इतिहासकारों से अपील की कि वे भारतीय इतिहास को साक्ष्यों के आधार पर लिखें और किसी विशेष राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावित न हों. उनके अनुसार, ब्रिटिश शासन के दौरान हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया था, और यही समय है जब हम सही इतिहास को फिर से स्थापित करें.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के विकास के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. जम्मू और कश्मीर को एक केंद्रशासित प्रदेश के रूप में नए सिरे से विकसित करने के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है. उनका मानना है कि कश्मीर में शांति और समृद्धि लाने के लिए इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना जरूरी है.