गाजा युद्ध में इजराइल पर दबाव बनाने के लिए कई बड़े बड़े मुस्लिम देश कोई कदम नहीं उठा पाए हैं. लेकिन कुछ छोटे देशों ने इजराइल की निंदा ही नहीं बल्कि उसके खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं. एशिया के छोटे से देश मालदीव ने ऐलान किया है कि वो अपनी सरहद में इजराइली नागरिकों के प्रवेश पर बैन लगाएगा. जिसके बाद इजराइल के विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि वे मालदीव की यात्रा करने से परहेज करें. ये हिदायत दो नागरिकता रखने वाले इजराइलियों की दी गई है.
विदेश मंत्रालय का कहना है, “दो देशों की नागरिकता वाले इजराइली नागरिक मालदीव की यात्रा करने से परहेज करें. अगर वे किसी परेशानी में घिरते हैं, तो ऐसे समय में हमें उनकी मदद करने में मुश्किल आ सकती है.” गाजा युद्ध में बढ़ती मौतों के बाद इजराइल के खिलाफ मालदीव में खासा गुस्सा देखने मिल रहा है.
मालदीव ने लगाए ट्रैवल बैन
इजराइल पर यात्रा प्रतिबंध लगाने को लेकर पिछले साल इजराइल और फिलीस्तीन में जंग छिड़ने के बाद नवंबर में मालदीव के एक MP नशीद अब्दुल्ला ने प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव में सरकार से इजराइली पासपोर्ट रखने वाले नागरिकों के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी. अब मालदीव की सरकार ने इजराइलियों के ट्रैवल पर पाबंदी लगी दी है. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, मालदीव ने ये फैसला जनता में इजराइल के खिलाफ बढ़ते गुस्से के बाद लिया है. इजराइल की बढ़ती आक्रामकता के बाद मालदीव में कई फिलिस्तीनी समर्थित प्रदर्शन देखने मिले हैं.
पिछले साल करीब 11 हजार इजराइली नागरिकों ने मालदीव की यात्रा की थी. मालदीव की आबादी 5 लाख से ज्यादा है और पूरी दुनिया से हर साल करीब 17 लाख टूरिस्ट मालदीव घूमने आते हैं. मालदीव का मूल धर्म इस्लाम है और यहां कि 98 फीसद आबादी मुस्लिम है. यहां घूमने आने वाले टूरिस्ट में सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की है.
2014 में तोड़ दिए थे रिश्ते
2022 में एक इजराइली राजनयिक स्रोतों ने दावा किया था कि इजराइल मालदीव के साथ वापस से रिश्ते बहाल करेगा. 1974 में मालदीव ने इजराइल के साथ राजनयिक रिश्तों को तोड़ दिया था. लेकिन उसके बाद भी इजराइल और मालदीव के बीच थोड़ा बहुत कारोबार हो रहा था. 2014 में इजराइल हमास की जंग के मालदीव ने पूरी तरह से इजराइल के साथ रिश्ते खत्म कर दिए थे और उसके सभी इम्पोर्ट पर बैन लगा दिया था.
इजराइल पर दबाव बनाना मकसद
मालदीव मुस्लिम देशों के सदस्य OIC का सदस्य है और OIC ने भी इजराइल पर जंग के बाद इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. ट्रैवल बैन का प्रस्ताव पेश करते हुए नशीद अब्दुल्ला ने कहा था, “बिल का मकसद गाजा और फिलिस्तीन के लोगों के खिलाफ किए जा रहे नरसंहार को रोकने के लिए, यात्रा प्रतिबंध के माध्यम से इज़राइल पर दबाव बनाना है.” अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि मालदीव को इज़राइली आगमन पर बैन लगाना चाहिए क्योंकि इस्लामिक कॉरपोरेशन संगठन (OIC) के देश जिसका मालदीव सदस्य है, उन्हेने भी ऐसा ही बैन लगाया है.
भारत के साथ रिश्तों में आई तल्खी
भारत और मालदीव के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं,लेकिन पिछले साल मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के रिश्ते बिगड़े हैं. अपने चुनाव प्रचार के दौरान मुइज्जू ने ‘India Out’ का नारा दिया था. मुइज्जू का झुकाव चीन की तरफ रहा है और हाल ही में उनकी सरकार ने मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भारत भेज दिया है.
गाजा में युद्ध के बीच मालदीव की मुइज्जू सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मालदीव सरकार ने ऐलान किया है कि वो अपनी सरहद में इजरायली नागरिकों की एंट्री पर बैन लगाएगा। गृह सुरक्षा और प्रौद्योगिकी मंत्री अली इहुसन ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक कैबिनेट बैठक के दौरान इस पाबंदी को लागू करने के लिए आवश्यक कानूनी बदलाव शुरू करने का फैसला किया है।