महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति में दरार की सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। दरअसल, राज्य के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि, SDMA प्राधिकरण में उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के प्रमुख अजित पवार को शामिल किया गया है। इस घटना के बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में हलचल तेज है और सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में दरार की बातें सामने आने लगी हैं।
क्या हो पूरा मामला?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण SDMA का पुनर्गठन किया है। इस प्राधिकरण के अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस हैं। वहीं, इसकी मुख्य कार्याधिकारी राज्य की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक हैं। SDMA की 9 सदस्यों वाली टीम में डिप्टी सीएम अजित पवार को भी जगह मिली है। हालांकि, इसमें डिप्टी सीएम और शहरी विकास विभाग के प्रमुख एकनाथ शिंदे को शामिल नहीं किया गया है।
क्या है SDMA?
साल 2005 में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में विनाशकारी बाढ़ आई थी। इसके बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) का गठन किया गया था। SDMA का नेतृत्व राज्य के मुख्यमंत्री के हाथों में होता है। ये आपदा प्राधिकरण आपातकालीन कदमों के समन्वय में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शहरी विकास विभाग के प्रमुख हैं शिंदे
आपको बता दें कि आपदा से निबटने की कोशिशों में शहरी विकास विभाग की अहम भूमिका होती है। विभाग की अधिकारियों और बुनियादी ढांचे की राहत एवं पुनर्वास कार्य के समन्वय में बड़ी भूमिका होती है। हालांकि, विभाग के प्रमुख होने के बावजूद एकनाथ शिंदे को SDMA में जगह नहीं मिली। इस कारण ही महायुति में दरार की अटकलें और तेज हो गई हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं।