अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिर से चुनावी ताल ठोंकने का ऐलान किया था, लेकिन बढ़ती उम्र, बीमारी और फिर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहस में पिछड़ने के बाद उन पर चुनाव से हटने का खासा दबाव था. चुनाव में ट्रंप तेजी से बढ़त बनाते दिख रहे थे. लेकिन डेमोक्रेट नेताओं की ओर से डाले जा रहे दबाव के बीच राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज रविवार को लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया. साथ ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन भी किया.
चुनावी रेस से हटने का ऐलान करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने बयान में कहा, “मेरा मानना है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं पद छोड़ दूं और अपने शेष कार्यकाल में केवल राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन पर ध्यान केंद्रित करूं.”
4 महीने पहले रेस से हटे बाइडेन
हालांकि कल तक बाइडेन लगातार राष्ट्रपति पद के चुनाव की रेस में बने होने की बात कहते रहे. राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके चुनावी रेस से बाहर होने की डेमोक्रेटिक पार्टी में बढ़ती मांग के बीच शनिवार को कहा था कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेंगे और अगले हफ्ते से फिर से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगे.
बाइडेन अब राष्टप्रति की रेस से हट गए हैं और उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उम्मीदवारी का समर्थन किया है. 81 साल के राष्ट्रपति बाइडेन का यह फैसला अमेरिकी चुनाव से महज 4 महीने पहले आया है. अमेरिका में 5 नवंबर को चुनाव होने है जहां नए राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा. राष्ट्रपति बाइडेन ने अपनी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह एक “असाधारण साथी” रही हैं.
कोरोना से पीड़ित हैं जो बाइडेन
राष्ट्रपति बाइडेन अभी बीमार चल रहे हैं और कोरोना वायरस की चपेट में हैं. कुछ दिन पहले ही उन्हें फिर से कोरोना हुआ था. संक्रमण की पुष्टि होने के बाद से वह डेलावेयर स्थित अपने आवास पर क्वारंटाइन में थे.
बाइडेन की ओर से 2 दिन पहले उनके प्रचार अभियान दल ने एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया, “डोनाल्ड ट्रंप भविष्य को लेकर जिस तरह खतरनाक दृष्टिकोण रखते हैं, उस तरह के अमेरिकी हम नहीं हैं. एक पार्टी और एक देश के रूप में हम उन्हें चुनाव में हरा सकते हैं और हराकर रहेंगे.”
राष्ट्रपति के इस बयान के एक दिन पहले ही मिलवाउकी में आयोजित रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को औपचारिक रूप पार्टी का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. बाइडेन ने दावा करते हुए कहा था, “मैं अगले हफ्ते फिर से चुनाव प्रचार अभियान शुरू करने वाला हूं. मैं बहुत उत्साहित हूं, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के प्रोजेक्ट-2025 एजेंडे के जो खतरे दिख रहे हैं, उनके प्रति लोगों को आगाह करना चाहता हूं. साथ ही अमेरिका के बारे में मेरा जो नजरिया है, उसे जनता के साथ साझा भी कर सकूं.”
रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को अमेरिकी मीडिया से कहा कि उन्हें लगता है कि नवंबर के चुनाव में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन की तुलना में हराना आसान होगा, जिन्होंने उनकी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पद छोड़ दिया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के जो बाइडेन के फैसले पर रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को बाइडेन की तुलना में हराना आसान होगा. जो पहले पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पद छोड़ चुकी हैं.
कमला हैरिस पर ट्रंप का तंज
बता दें कि राष्ट्रपति बाइडेन का अपने फैसले की घोषणा करने और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कमला हैरिस का समर्थन करने के तुरंत बाद ट्रम्प ने यह टिप्पणी की. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि बाइडेन हमारे देश के इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपति हैं.
अमेरिका को हुआ नुकसान
रविवार को अपने ट्रुथ सोशल मंच पर, ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन राष्ट्रपति पद के रेस के लिए और निश्चित रूप से सेवा करने के लिए भी उपयुक्त नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि उनके राष्ट्रपति पद के कारण हमें बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन हम उसे बहुत जल्दी ठीक कर लेंगे.
चुनावी रेस से बाहर बाइडेन
दरअसल 81 वर्षीय बाइडेन ने रविवार को खुद को चुनावी रेस से बाहर कर लिया. ट्रम्प के साथ एक बहस के बाद उनकी पार्टी में ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़ने की मांग तेज हो गई थी. चुनाव से ठीक चार महीने पहले उनकी फिटनेस को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. हालांकि बाइडेन ने अपना कार्यकाल पूरा करने की बात कही है, जो 20 जनवरी, 2025 को खत्म होगा.
अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति
बाइडन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं कमला हैरिस को इस साल हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन और सहयोग देना चाहता हूं. डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए एकजुट होकर ट्रंप को हराने का समय आ गया है. वहीं बाइडन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद ट्रंप ने बाइडन को अमेरिका के इतिहास में अब तक का सबसे खराब राष्ट्रपति बताया.
राष्ट्रपति बाइडन से इस्तीफा की मांग
वहीं, प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष माइक जॉनसन ने राष्ट्रपति बाइडन से पद से इस्तीफा देने का आग्रह किया. रिपब्लिकन नेता जॉनसन ने कहा कि अगर जो बाइडन राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हैं, तो वह राष्ट्रपति के रूप में सेवा में बने रहने के योग्य भी नहीं हैं. उन्हें तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
वहीं बाइडन ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ से हटने का एलान करते हुए कहा कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है. बाइडन (81) का यह निर्णय अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले मतदान से चार महीने पहले आया है.
बाइडेन की अमेरिकियों को संदेश
बाइडेन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में अमेरिकियों को संदेश देते हुए कहा कि आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है. मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस दौड़ से हट जाऊं और अपने कार्यकाल के शेष समय में राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करूं.
राष्ट्रपति बाइडन वर्तमान में कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद अपने डेलावेयर निवास पर आइसोलेशन में हैं. बाइडन ने कहा कि वह इस हफ्ते के अंत में अपने निर्णय के बारे में अधिक विस्तार से देश को बताएंगे.
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को धन्यवाद
बाइडन ने कहा कि अभी के लिए मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे फिर से निर्वाचित होते देखने के लिए इतनी मेहनत की है. मैं इस सारे काम में एक असाधारण भागीदार होने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को धन्यवाद देना चाहता हूं. मैं अमेरिकी लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर इतना विश्वास और भरोसा जताया है.
भारतवंशी कमला हैरिस के अलावा ये डेमोक्रेट नेता भी ले सकते हैं बाइडेन की जगह
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को डेमोक्रेट उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया है. इसके साथ ही उन्होंने भारतवंशी कमला हैरिस को प्रत्याशी बनाए जाने का समर्थन किया है. ऐसे में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस में कमला हैरिस डेमोक्रेट की पहली पसंद हो सकती हैं क्योंकि वह उपराष्ट्रपति के रूप में भी अपनी क्षमता साबित कर चुकी हैं.
हालांकि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के अलावा भी कई और नामों पर चर्चा तेज हो गई है. इसमें एक नाम कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम का भी है. इनके अलावा इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रित्जकर भी इस रेस में शामिल हो सकते हैं.
एक्टर जॉर्ज क्लूनी ने किया समर्थन
जेबी प्रित्जकर का नाम भी संभावित प्रत्याशी के रूप में सामने आया है. वह वर्तमान में अमेरिका के सबसे अमीर निर्वाचित गवर्नर हैं. हालांकि, प्रित्जकर पहले यह कह चुके हैं कि वह राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस का समर्थन करेंगे. बता दें कि एक्टर जॉर्ज क्लूनी ने इनका समर्थन भी किया है.
इन गवर्नरों का नाम पर भी चर्चा
ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेट उम्मीदवार के रुप में मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर का नाम पर भी अटकलें लगाई जी रही हैं. वहीं पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो भी उम्मीदवार के तौर पर देखें जा रहे हैं. इनके अलावा केंटकी गवर्नर एंडी बेशर, मैरीलैंड गवर्नर वेस मूर, मिनेसोटा गवर्नर टिम वाल्ज भी रेस में शामिल हैं.
बाइडेन का अमेरिकियों को संदेश
बता दें कि जो बाइडन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में अमेरिकियों को संदेश देते हुए कहाकि आपके राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है. मेरा इरादा फिर से चुनाव लड़ने का रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं इस रेस से बाहर हो जाऊं.
राष्ट्रपति की रेस से हटने को क्यों मजबूर हुए बाइडेन? अमेरिका के इतिहास में 56 साल बाद हुआ ऐसा
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव धीरे-धीरे दिलचस्प होता चला जा रहा है. जो बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. उन्होंने खुद इस बात का ऐलान किया कि वह अब अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके साथ ही, उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के नाम का समर्थन किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को चुनावी रेस से बाहर निकलने का निर्णय व्हाइट हाउस और अपनी पार्टी के सहयोगियों की तरफ से लगातार बनाए जा रहे दबाव के बाद लिया. यह चिंता लगातार जताई जा रही थी कि क्या 81 वर्षीय राष्ट्रपति बाइडेन नवंबर के चुनाव में जीतने में सक्षम होंगे.
बता दें कि जून के अंत में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी और देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहस में खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पिछले कई हफ्तों से बाइडेन पर रेस से हटने का दबाव बना रहे थे. जानकारी के मुताबिक, 1968 में लिंडन बी. जॉनसन के बाद बाइडेन उम्मीदवारी छोड़ने वाले पहले मौजूदा राष्ट्रपति बने.
आइए जानते हैं बाइडेन की उम्मीदवारी छोड़ने के प्रमुख कारण.
लाइव डिबेट में फ्रीज हो गए बाइडेन
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों की ओर से पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच लाइव डिबेट हुई थी, जिसके बाद बाइडेन के राष्ट्रपति पद की रेस से हटने की चर्चा शुरू हो गई थी. इसका कारण यह था कि लाइव डिबेट में बाइडेन पर ट्रंप भारी पड़ते नजर आए. ऐसे में उनकी पार्टी में ही मांग तेज हो गई कि बाइडेन को इस रेस से हट जाना चाहिए.
लंबी यात्रा में थकान
बाइडेन ने डेलावेयर के रेहोबोथ बीच में अपने घर में कुछ दिन आराम करने से पहले 14 दिनों में दो बार यूरोप और पश्चिमी तट के लिए उड़ान भरी थी. इस दौरान उन्हें देखने वाले कई लोगों के अनुसार, यात्रा के अंत तक बाइडेन बुरी तरह थक गए थे.
बेतरतीब जवाब
सीएनएन के अटलांटा स्टूडियो में, बाइडेन अपने शब्दों को बोलने में लड़खड़ा गए और फ्रीज हो गए. जिस पर पत्रकारों ने उनके सहयोगियों से स्पष्टीकरण मांगा था. जब बहस चल रही थी तो अधिकारियों ने बताया कि बाइडेन की तबियत ठीक नहीं है. हालांकि जैसे-जैसे बहस आगे बढ़ती गई, उनकी आवाज में सुधार होता गया, लेकिन उनके बेतरतीब उत्तरों ने वोटर्स, डोनर्स और डेमोक्रेटिक अधिकारियों को चौंका दिया.
ट्रंप ने बाइडेन को फटकार लगाई
वहीं 78 वर्षीय ट्रंप ने 90 मिनट की बहस के दौरान यह दावा भी किया था कि उन्होंने वास्तव में 2020 का चुनाव जीता था, लेकिन बाइडेन उनका खंडन करने में विफल रहे. वहीं ट्रम्प ने बाइडेन को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि वह वास्तव में नहीं जानते कि उन्होंने उस वाक्य के अंत में क्या कहा. मुझे नहीं लगता कि वह जानते हैं कि उन्होंने क्या बोला.
बाइडेन से पद छोड़ने की मांग
बाइडेन ने बहस के अगले दिन खराब प्रदर्शन को स्वीकार करते हुए कहा कि वह जानते हैं कि वह एक युवा व्यक्ति नहीं है. उन्होंने 2 जुलाई को कहा कि वह मंच पर लगभग सो गए थे. वहीं बहस के कुछ घंटों बाद बाइडेन से पद छोड़ने की मांग शुरू हो गई थी. वहीं नाराज डोनर्स ने बाइडेन के सहयोगियों से कहा कि उन्हें उम्मीदवार के प्रदर्शन में बदलाव देखना होगा. जिसके बाद वरिष्ठ डेमोक्रेट और बाइडेन सहयोगियों ने भी टिकट में बदलाव के संकेत देने शुरू कर दिए थे.
ट्रंप से हारना स्वीकार
बाइडेन असहमति के स्वर को शांत करने में विफल रहे. बहस के बाद अपने पहले बड़े प्रेस कॉन्फ्रेंस में, 5 जुलाई को बाइडेन ने कहा कि केवल गॉड ही उन्हें राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर कर सकते हैं. कुछ डेमोक्रेट्स के लिए अधिक चिंता की बात यह थी कि बाइडेन ने कहा कि वह ट्रम्प से हारना स्वीकार कर सकते हैं लेकिन रेस में बने रहेंगे.
पुतिन-जेलेंस्की का नाम भूले
वहीं जुलाई के दूसरे हफ्ते के दौरान नाटो शिखर सम्मेलन में, बाइडेन ने अपने उपराष्ट्रपति हैरिस और अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी ट्रम्प, और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नामों को इधर उधर कर दिया, जिनके देश एक-दूसरे के साथ युद्ध में हैं.
सर्वे में प्रदर्शन खराब
सर्वेक्षणों से पता चला कि बाइडेन कई प्रमुख राज्यों और जिलों में अन्य डेमोक्रेट्स से पीछे चल रहे हैं. हालांकि देश भर में सर्वेक्षण लगातार करीबी मुकाबले की ओर इशारा कर रहे थे. बाइडेन फिर भी विश्वास कर रहे थे कि वह ट्रम्प का सामना करने के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार थे.
ट्रंप पर जानलेवा हमला
पेंसिल्वेनिया में भाषण देते समय ट्रंप को गोली मार दी गई. गोली उनके कान को छू गई और उनका चेहरा खून से लथपथ हो गया. जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति की अपनी मुट्ठी बांधे हुए तस्वीरें बड़े स्तर पर प्रचारित की गईं. इसकी वजह से देश में ट्रंप के पक्ष में माहौल बनता नजर आने लगा था.
बाइडेन को हुआ कोरोना
कुछ दिनों बाद, नेवादा में चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन को कोरोना हो गया. रेहोबोथ बीच, डेलावेयर स्थित अपने घर पर स्वास्थ्य लाभ करते हुए, उनके पास यह निर्णय लेने का समय था कि क्या और कैसे अपने अभियान को खत्म किया जाए. जिसके बाद आखिरकार उन्होंने कमला हैरिस का समर्थन करते हुए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली.
कौन हैं कमला हैरिस, जो बन सकती हैं अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन रविवार को 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए. उन्होंने अपनी जगह लेने के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया. बाइडेन ने भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस (59) के नाम की ऐसे वक्त सिफारिश की है जब जून के अंत में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी और देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहस में खराब प्रदर्शन के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पिछले कई हफ्तों से बाइडेन पर मुकाबले से हटने का दबाव बना रहे थे.
बाइडन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं कमला हैरिस को इस साल हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन और सहयोग देना चाहता हूं. डेमोक्रेटिक पार्टी के एकजुट होकर ट्रंप को हराने का समय आ गया है. वहीं कमला हैरिस ने बाद में कहा कि वह राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन हासिल करने का इरादा रखती हैं.
बता दें कि कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली एशियाई अमेरिकी हैं. अब, बाइडेन का समर्थन उन्हें पहली महिला राष्ट्रपति बनने की राह पर ला सकता है. तो आइये जानते हैं कौन हैं कमला हैरिस और कैसा रहा उनका सियासी सफर.
कमला हैरिस का बचपन
हैरिस का जन्म 1964 में ओकलैंड, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था. उनकी मां श्यामला गोपालन का जन्म चेन्नई में हुआ था वह एक कैंसर शोधकर्ता थीं. वहीं उनके पिता डोनाल्ड हैरिस, जमैका के एक अर्थशास्त्री थे, जो अमेरिका में आकर बस गए. हैरिस के माता-पिता की मुलाकात कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में डिग्री हासिल करने के दौरान हुई थी. हैरिस की एक बहन माया है.
व्हाइट हाउस के अनुसार, जब हैरिस सात साल की थीं, तब उनके माता-पिता का तलाक हो गया. हालांकि कमला हैरिस ने जब वे बड़े हो रहे थे, तब उन्हें और उनकी बहन को भारतीय और अफ्रीकी अमेरिकी संस्कृतियों में ढालने का श्रेय अपनी मां को दिया. हैरिस ने अपनी 2019 की बायोग्राफी में लिखा है, मेरी मां बहुत अच्छी तरह से समझती थी कि वह दो अश्वेत बेटियों की परवरिश कर रही हैं. वह यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थी कि हम आत्मविश्वासी, गौरवान्वित अश्वेत महिलाओं के रूप में विकसित हों.
कॉलेज और कैरियर
जब हैरिस 12 साल की थीं, तब वह अपनी मां और बहन के साथ कनाडा चली गईं और क्यूबेक में हाई स्कूल के बाद, वह हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए अमेरिका लौट आईं. उन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में पढ़ाई की. साथ ही नेशनल मॉल में दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरोध में कई हफ्ते बिताए. उन्होंने छात्र समाचार पत्र के एडिटर के निष्कासन के विरोध में 1983 में एक प्रशासनिक भवन के धरने में भी भाग लिया.
हॉवर्ड से स्नातक होने के बाद, उन्होंने 1989 में हेस्टिंग्स में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की. उन्हें 1990 में कैलिफोर्निया के स्टेट बार में एंट्री मिली, जिसके बाद उन्होंने बाल यौन उत्पीड़न के मामलों पर मुकदमा चलाने वाले सहायक जिला अटॉर्नी के रूप में ओकलैंड में अल्मेडा काउंटी अभियोजक के ऑफिस को जॉइन कर लिया.
सैन फ्रांसिस्को अटॉर्नी डिवीजन का नेतृत्व
वह सैन फ्रांसिस्को जिला अटॉर्नी कार्यालय में काम करने चली गईं, जहां उन्होंने कैरियर क्रिमिनल यूनिट के लिए कार्यालय के प्रबंध वकील के रूप में सिलसिलेवार गंभीर अपराधियों पर मुकदमा चलाया. बाद में उन्होंने परिवार और बच्चों पर सैन फ्रांसिस्को सिटी अटॉर्नी डिवीजन का नेतृत्व किया.
हैरिस 2003 में सैन फ्रांसिस्को जिला अटॉर्नी के लिए चुनाव लड़ीं. इस दौरान उनके विरोधियों ने दो राज्य बोर्ड पदों की उनकी पिछली स्वीकृति पर सवाल उठाया. उन्हें कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा के पूर्व स्पीकर और सैन फ्रांसिस्को के मेयर विली ब्राउन ने नियुक्त किया था, जिनके साथ उनका पहले से रिश्ता था. दौड़ में शामिल उम्मीदवारों ने इस बात पर भी संदेह जताया था कि क्या वह ब्राउन के मेयर प्रशासन की निष्पक्ष जांच कर सकती हैं.
हालांकि 2003 में वह चुनाव जीतीं और कैलिफोर्निया में यह पद संभालने वाली पहली अफ्रीकी अमेरिकी महिला और दक्षिण एशियाई अमेरिकी महिला बनीं. सात साल बाद, दूसरी बार भी वह कैलिफ़ोर्निया की अटॉर्नी जनरल चुनी गईं थीं.
कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल
2010 में, हैरिस ने कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल का चुनाव जीतकर लॉस एंजिल्स काउंटी के लोकप्रिय रिपब्लिकन अभियोजक स्टीव कूली को मामूली अंतर से हराया. हैरिस ने जिला अटॉर्नी के रूप में मृत्युदंड का विरोध किया था. उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में मृत्युदंड के मामलों पर मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया था. यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी की हत्या से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में भी, एक ऐसा निर्णय लिया, जिसने स्थानीय पुलिस यूनियनों को नाराज कर दिया. लेकिन अटॉर्नी जनरल के रूप में, उन्होंने कैलिफोर्निया की अदालत के उस फैसले के खिलाफ भी अपील की, जिसने मौत की सजा को असंवैधानिक घोषित किया था.
2014 में कैलिफ़ोर्निया में अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य करते हुए, हैरिस ने अपनी बहन माया की अध्यक्षता में एक छोटे समारोह में लॉस एंजिल्स में एक वकील डौग एम्हॉफ से शादी की. एम्हॉफ की पिछली शादी से हुए दो बच्चों एला और कोल ने हैरिस को मोमाला उपनाम दिया.
अमेरिकी सीनेट
2016 में, हैरिस तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा और तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडेन के समर्थन से अमेरिकी सीनेट के रेस में उतरीं. उन्होंने कैलिफ़ोर्निया में सीनेट के अन्य उम्मीदवार रेप लोरेटा सांचेज़ (डी) को आसानी से हरा दिया. वह ऊपरी सदन में शामिल होने वाली दूसरी अश्वेत महिला बन गईं.
सीनेट में अपने कार्यकाल के दौरान, हैरिस ने समिति की सुनवाई के दौरान ट्रम्प के नामांकितों और नियुक्तियों से पूछताछ करने के लिए अपने अभियोजन कौशल का उपयोग करके खुद को प्रतिष्ठित किया.
2020 राष्ट्रपति पद की रेस
2019 में, सीनेट में शपथ लेने के दो साल बाद, हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी रेस की घोषणा की. और पहली डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस के दौरान, हैरिस का ब्रेकआउट क्षण तब आया जब वह बाइडेन के पीछे चली गईं.
जबकि हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर एक उभरती हुई महिला स्टार के रूप में देखा गया था. उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुनावों में निरंतर समर्थन हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा. हैरिस दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गईं.
अमेरिका की उपराष्ट्रपति
2020 की गर्मियों में, बाइडेन ने घोषणा की कि उन्होंने एक महिला को टिकट देने के अपने वादे को पूरा करते हुए उसे अपने साथी के रूप में चुना है. जब नवंबर 2020 में बाइडेन ने जीत की घोषणा की, तो हैरिस निर्वाचित राष्ट्रपति के साथ विजय भाषण देने वाली पहली उपराष्ट्रपति बन गईं. हैरिस ने स्वीकार किया कि वह कुछ ऐसा कर रही थीं जो उनके जैसा किसी ने पहले कभी नहीं किया था.
डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार
वहीं अब 2024के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन ने उनकी जगह लेने के लिए हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनाने का समर्थन कर दिया है. अपने बयान में, बाइडेन ने कहा कि 2020 में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मेरा पहला निर्णय कमला हैरिस को मेरे उपराष्ट्रपति के रूप में चुनना था और यह मेरा अब तक का सबसे अच्छा निर्णय है.
ओबामा से लेकर ट्रूडो और जेलेंस्की तक…जो बाइडेन के फैसले की जमकर हो रही तारीफ
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को प्रेसिडेंट इलेक्शन से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने डोमोक्रेट उम्मीदवार की दावेदारी छोड़ते हुए अपनी जगह कमला हैरिस का समर्थन कर दिया है. वहीं उनके इस फैसले पर डेमोक्रेट नेताओं के अलावा यूक्रेन और कनाडा से भी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर राष्ट्रपति जो बाइडेन को धन्यवाद दिया. उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने के उनके कठिन लेकिन मजबूत निर्णय की प्रशंसा की.
रूस को रोकेगा अमेरिका
जेलेंस्की ने लिखा कि यूक्रेन और पूरे यूरोप की मौजूदा स्थिति चुनौतीपूर्ण है, और हमें पूरी उम्मीद है कि अमेरिका का निरंतर मजबूत नेतृत्व रूस की बुराई को सफल होने या उसकी आक्रामकता को रोकेगा.
महान व्यक्ति हैं बाइडेन
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट किया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि मैं राष्ट्रपति बाइडेन को वर्षों से जानता हूं. वह एक महान व्यक्ति हैं, और वह जो कुछ भी करते हैं उसमें अपने देश के प्रति उनका प्यार होता है. राष्ट्रपति के रूप में, वह कनाडाई लोगों के सच्चे भागीदार हैं.
ओबामा ने की बाइडेन की तारीफ
वहीं पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के बाद बाइडेन की प्रशंसा की. ओबामा ने कहा कि जो बाइडेन अमेरिका के सबसे परिणामी राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं. साथ ही मेरे लिए एक प्रिय मित्र और भागीदार भी रहे हैं. आज, हमें यह भी याद दिलाया गया है कि वह देशभक्त हैं.
बाइडेन के साथ काम करना सम्मान की बात
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि जो बाइडेन के साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है और हमेशा रहेगी. पिछले 22 वर्षों से उन्होंने दुनिया भर में अमेरिकी नेतृत्व को बहाल किया है और राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं. मैं अगले छह महीनों में उनके साथ उस रिकॉर्ड को बनाने के लिए उत्सुक हूं.
बाइडेन एक देशभक्त अमेरिकी
पूर्व अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति जो बाइडेन एक देशभक्त अमेरिकी हैं जिन्होंने हमेशा हमारे देश को पहले रखा है. उनकी दृष्टि, मूल्यों और नेतृत्व की विरासत उन्हें अमेरिकी इतिहास में सबसे परिणामी राष्ट्रपतियों में से एक बनाती है. अमेरिका के वादे पर हमेशा विश्वास करने और लोगों को उन्हें पूरा करने का अवसर देने के लिए बाइडेन को ईश्वर ने महानता और अच्छाई का आशीर्वाद दिया है.