दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 20 अगस्त 2025, बुधवार को दोपहर 2:00 बजे फैसला सुनाएगा. इसके तत्काल बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश स्थित मऊ सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा या अब्बास अंसारी ही विधायक रहेंगे.
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 30 जुलाई को फैसला रिजर्व कर लिया था. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच फैसला सुनाएगी. अब्बास अंसारी ने याचिका दाखिल कर एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ से मिली 2 साल की सजा रद्द किए जाने की मांग की है.
वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट मऊ ने 31 मई को 2 वर्ष की सजा और 3000 जुर्माना लगाया था. इसी आधार पर 1 जून 2025 को विधायकी चली गई थी. अदालत से दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा तय होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने कुछ घंटों में ही अब्बास की सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया. विधानसभा के प्रमुख सचिव ने एक नोटिस जारी किया था, जिसमें मऊ सीट को रिक्त घोषित किया गया था.
किस पर्टी से विधायक हैं अब्बास अंसारी?
इसके बाद जिला जज मऊ की अदालत ने 5 जुलाई को अब्बास अंसारी की अपील खारिज कर दी थी. फिर अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जिला जज मऊ के आदेश को चुनौती दी थी.
बता दें वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. उस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सुभासपा के साथ अलायंस किया था. गठबंधन में सपा ने मऊ सदर सीट, सुभासपा को दी थी.
क्या था मामला?
2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया. उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद ‘सबका हिसाब लिया जाएगा.’बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर रोक लगाई थी. साथ ही एक मुकदमा कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था.