UP राजनीती : मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी और समाजवादी पार्टी की नेता सुमैया राणा ने अलीगढ़ दौरे के दौरान केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार को केवल नाम बदलने और धार्मिक मुद्दों में उलझाने की आदत हो गई है, जबकि जमीनी स्तर पर विकास के नाम पर कुछ नहीं हो रहा. अलीगढ़ का नाम बदलने की चल रही चर्चाओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पहले शहर का विकास करें, फिर नाम बदलने की बात करें.
सुमैया राणा ने अपने दौरे के दौरान नगर निगम द्वारा जलकर की वसूली के तरीके को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना पानी की समुचित आपूर्ति के भी जनता से जबरन जलकर वसूला जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब घरों में पानी नहीं पहुंच रहा, जब जनता को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रहीं, तो आखिर किस बात का जलकर लिया जा रहा है?
नाम बदलने से नहीं होता विकास- सुमैया राणा
अलीगढ़ का नाम बदलकर ‘हरिगढ़’ करने की संभावित योजना पर सुमैया राणा ने तगड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा, “नाम बदलने से विकास नहीं होता. लोगों की जिंदगी नाम से नहीं, सुविधाओं से सुधरती है.” उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस केवल प्रतीकों और नामों को बदलने पर है, जबकि आम आदमी महंगाई, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और जल संकट जैसी समस्याओं से जूझ रहा है.
उन्होंने जोर देकर कहा, “यहां विकास की कोई बात नहीं होती. सबसे पहले जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सड़कें टूटी पड़ी हैं, बिजली कटौती आम है, पानी की किल्लत विकराल होती जा रही है और ऐसे में सरकार नाम बदलने में व्यस्त है.”
15 लाख के वादे पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री द्वारा 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए ‘हर नागरिक को 15 लाख रुपये देने’ वाले वादे पर भी सुमैया राणा ने सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, “सरकार को 15 लाख रुपये देने की बात करनी चाहिए थी. लेकिन अब तो इस ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा. देश की जनता से किया गया वादा एक मज़ाक बनकर रह गया है.”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर 15 लाख नहीं दे सकते थे, तो कम से कम इतनी ईमानदारी दिखाई जाती कि जनता से माफी मांगी जाती. लेकिन, सरकार अपनी गलतियों को मानने के बजाय नए-नए मुद्दे उठाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
जनता की आवाज को दबने नहीं देगी सपा- सुमैया राणा
सुमैया राणा ने दो टूक कहा कि समाजवादी पार्टी जनता की आवाज को दबने नहीं देगी. उन्होंने कहा कि जलकर जैसे मुद्दों पर जनता का विरोध जायज़ है और पार्टी पूरी ताकत के साथ उनके साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जनभावनाओं को अनदेखा कर मनमाने फैसले ले रही है, जो लोकतंत्र के खिलाफ है.
उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस तरह की नीतियों के खिलाफ जनता सड़कों पर उतरती है, तो समाजवादी पार्टी उनके हक में आंदोलन करेगी. उन्होंने कहा, “हम जनता की पीड़ा को समझते हैं. अगर उन्हें बिना जल सुविधा के जलकर देना पड़ रहा है, तो यह सरकार की सबसे बड़ी विफलता है.”
शहर की बदहाल स्थिति पर चिंता
सुमैया राणा ने अपने दौरे के दौरान अलीगढ़ की सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सेवाओं की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि नगर निगम और सरकार दोनों ही अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा, “शहर की हालत बदतर है. न सड़कें दुरुस्त हैं, न सफाई व्यवस्था ठीक है, और ऊपर से टैक्सों की भरमार लगा दी गई है.”
उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले जनता की प्राथमिक जरूरतों की पूर्ति करनी चाहिए. जब तक लोगों के घरों में शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचेगा, जब तक सड़कों पर गड्ढे नहीं भरेंगे, तब तक विकास की बात करना और नाम बदलने जैसे मुद्दे उठाना महज दिखावा है.
नफरत नहीं, नीतियों की जरुरत- सुमैया राणा
सुमैया राणा ने यह भी कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में नफरत की राजनीति हावी होती जा रही है. उन्होंने कहा कि देश को अब नफ़रत फैलाने वाली नहीं, बल्कि विकास और समानता की नीति अपनाने वाली सरकार की जरुरत है.
उन्होंने युवाओं को खास तौर पर अपील करते हुए कहा कि वे ऐसी सरकार को चुने जो रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय की बात करे. उन्होंने कहा, “आज के दौर में जरुरत है कि हम सोचें कि देश को किस दिशा में ले जाना है. यदि हम सिर्फ नाम बदलने और सांप्रदायिक मुद्दों में उलझे रहेंगे तो देश कभी आगे नहीं बढ़ सकेगा.”