महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बाद रहस्यमयी बीमारी ने झारखंड में दस्तक दे दी है. राजधानी रांची में 5 साल की बच्ची इस बीमारी की चपेट में हैं. उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने बच्ची में गुइलेंन-बैरे सिंड्रोम नामक बीमारी के लक्ष्ण पाए हैं. इस बीमारी की खबर से लोगों में हड़कंप मच गया है. बच्ची की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली गई है. वह महाराष्ट्र से वापस आई है.
बच्ची को चलने फिरने में शिकायत और सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उसके माता-पिता ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. उसे चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने देखा. इसके बाद बच्ची के गुइलेंन-बैरे सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित होने का पता चला. फिलहाल बच्ची का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बच्ची में मिले थे गुइलेंन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण
संक्रमित बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर राजेश के मुताबिक, लगभग 8 दिन पहले बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. प्रारंभिक जांच में बच्ची में लक्षण गुइलेंन-बैरे सिंड्रोम बीमारी की तरह ही पाया गया है. उन्होंने बताया कि उसी के आधार पर बच्ची का इलाज किया जा रहा है. पीड़ित बच्ची के संदर्भ में यह भी जानकारी मिली है कि उसकी ट्रेवल हिस्ट्री महाराष्ट्र रही है. कुछ दिन पूर्व ही वह महाराष्ट्र से लौटी है. इस बीमारी की दस्तक ने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मचा दिया है. बच्ची की बीमारी की सूचना रांची के सिविल सर्जन को की गई है. बच्ची के सैंपल को जांच के लिए पुणे भी भेजा गया है.
अपनी ही बॉडी की नसों पर अटैक करती है ये बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गुइलेंन-बैरे सिंड्रोम यानी जीबीएस ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इस बीमारी से संक्रमित होने पर ह्यूमन सिस्टम अपनी ही बॉडी की नसों पर अटैक करता है, इस वजह से मरीज को चलने-फिरने और सांस लेने में तकलीफ होती है. इस बीमारी से सर्वाधिक बच्चो और बुजुर्गों को खतरा है. इसकी दस्तक से देश के कई राज्यों में बच्चे प्रभावित हुए हैं.
महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित कई अन्य राज्यों में इस बीमारी के कारण मौत भी हुई हैं. डॉक्टर की माने तो इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि कुछ जरूरी उपाय करने पर इससे रोका जा सकता है. पीने के लिए उबला हुआ पानी, दूषित पानी को पीने से बचना, कच्ची या अधपक्की मांस को खाने से बचना, इसके साथ ही भोजन में विशेष रूप से सलाद का सेवन करना जरूरी हैं.