अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद को रोकने का ऐलान किया है. ट्रंप का ये फैसला यूक्रेन के लिए तगड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले तक बाइडेन सरकार रूस से जारी जंग में यूक्रेन को मदद पहुंचाती रही, जिसमें अरबों डॉलर के हथियार भी शामिल हैं.
यही नहीं अमेरिका अन्य देशों को भी जो मदद देता है, उसको भी ट्रंप प्रशासन ने रोकने का निर्णय लिया है.हालांकि, इसमें इजराइल, इजिप्ट को शामिल नहीं किया गया, यानी इन देशों को अमेरिका की मदद मिलती रहेगी. यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के अनुरूप है, जिसमें विदेशों में सहायता को सख्ती से प्रतिबंधित किया गया है.
इस आदेश से डेवलपमेंट से लेकर मिलिट्री सहायत तक काफी कुछ प्रभावित होने की उम्मीद है. जो बाइडेन के कार्यकाल में रूस का सामना करने के लिए यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार मिले थे. अमेरिकी मदद की वजह से यूक्रेन इनतें दिनों तक युद्ध में डटा रहा. अमेरिका ने 2023 में यूक्रेन को 64 बिलियन डॉलर से अधिक की मदद दी थी. पिछले साल कितनी की मदद दी गई, रिपोर्ट में इसकी जानकारी नहीं दी है.
ट्रंप के फैसले से खलबली
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि 85 दिनों के भीतर सभी विदेशी सहायता की आंतरिक समीक्षा करने को कहा गया है. ट्रंप के अमेरिका की कमान संभालते ही पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है. ट्रंप एक के बाद एक जो फैसले ले रहे हैं, इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिख रहा है. उनके कड़े और बड़े फैसले को लेकर पूरी दुनिया हैरान है.
पुतिन को दिया अल्टीमेटम
हाल ही में ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अल्टीमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए समझौता करें वरना इसकी भारी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहें. ट्रंप ने दो टूक कहा कि अगर पुतिन युद्ध समाप्त करने से इनकार करते हैं तो रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा था कि वह यूक्रेन के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलना चाहते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया था कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की युद्ध खत्म करने के लिए समझौते के लिए तैयार हैं.
सत्ता संभालते ही कई बदलाव
अमेरिका की सत्ता संभालते ही ट्रंप ने देश से लेकर विदेश तक अमेरिकी नीतियों में बदलाव की बात कही है. इसमें अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने, बच्चों की नागरिकता खत्म करने जैसे कई फैसले शामिल हैं. उन्होंने 20 जनवरी को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी. उन्होंने कुछ ही घंटों में जो बाइडेन के कई फैसलों एक झटके में पलट दिया.