Breaking News

हिन्दू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में होता है और इसका अंत आश्विन अमावस्या पर होता है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा

PITRU PAKSHA Shardh tithi 2025 : हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है. यह 16 दिन की अवधि होती है, जिसमें पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष की सोलह दिन की अवधि के दौरान पितरों का धरती पर आगमन होता है. ऐसे में उनका तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष की शुरुआत हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में होता है और इसका अंत आश्विन अमावस्या पर होता है. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी  से इस साल पितृ पक्ष कब से शुरू हो रहा है और श्राद्ध की तिथियां…

कब से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष 2025

भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 07 सितंबर देर रात 01:41 मिनट पर होगी और 07 सितंबर को रात 11:38 मिनट पर समाप्त. ऐसे में 07 सितंबर दिन रविवार से पितृ पक्ष शुरू होंगे और सर्व पितृ अमावस्या के दिन यानी 21 सितंबर दिन रविवार को समाप्त.

श्राद्ध तिथियां 2025

  1. पूर्णिमा श्राद्ध 07 सितम्बर 2025, रविवार
  2. प्रतिपदा श्राद्ध 08 सितम्बर 2025, सोमवार
  3. द्वितीया श्राद्ध 09 सितम्बर 2025, मंगलवार
  4. तृतीया श्राद्ध 10 सितम्बर 2025, बुधवार
  5. चतुर्थी श्राद्ध  10 सितम्बर 2025, बुधवार
  6. पञ्चमी श्राद्ध 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
  7. महा भरणी 11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
  8. षष्ठी श्राद्ध 12 सितम्बर 2025, शुक्रवार
  9. सप्तमी श्राद्ध 13 सितम्बर 2025, शनिवार
  10. अष्टमी श्राद्ध 14 सितम्बर 2025, रविवार
  11. नवमी श्राद्ध 15 सितम्बर 2025, सोमवार
  12. दशमी श्राद्ध 16 सितम्बर 2025, मंगलवार
  13. एकादशी श्राद्ध 17 सितम्बर 2025, बुधवार
  14. द्वादशी श्राद्ध 18 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
  15. त्रयोदशी श्राद्ध 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार
  16. मघा श्राद्ध 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार
  17. चतुर्दशी श्राद्ध 20 सितम्बर 2025, शनिवार
  18. सर्वपितृ अमावस्या 21 सितम्बर 2025, रविवार

पितृ पक्ष में किन बातों का रखें ख्याल

  • पितृ पक्ष के दौरान शाकाहारी भोजन का ही सेवन करें.
  • इस दौरान बालों को नहीं काटना चाहिए.
  • इस दौरान लहसुन, प्याज आदि तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
  • कोई भी नया प्रोजेक्ट, नया घर या नई गाड़ी खरीदने जैसे मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. RBNEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

About admin

admin

Check Also

Aaj Ka Rashifal 4 April: पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र पक्ष की सप्तमी तिथि को जानें आज सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा दिन, जानिए

आज मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जायेगी । आज रात …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *