बेरोजगारी से जूझ रहे युवक ने बनारस में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली. पत्नी को जब पति की मौत की खबर मिली तो उसने अपने मायके की बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी. पति-पत्नी की मौत से परिवार में कोहराम मच गया. मृतक पति बीते दो साल से नौकरी की तलाश में भटक रहा था. वह बिहार का रहने वाला था. कुछ समय से वह अपनी पत्नी के साथ अपनी ससुराल में रह रहा था.
मृतक पति हरीश बिहार के बाढ़ का रहने वाला था, जबकि उसकी पत्नी संचिता गोरखपुर के जाने-माने डॉक्टर की बेटी थी. बनारस के राजघाट स्थित प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ाई के दौरान दोनों को प्रेम हुआ. एमबीए करने के बाद दोनों ने शादी भी कर ली. हरीश की नौकरी मुंबई के एक प्राइवेट बैंक में लग गई जहां पैकेज भी अच्छा था. दोनों मुंबई रहने लगे थे.
पटना जाने की बोल पहुंच गया बनारस
कुछ समय बाद संचिता की तबियत खराब रहने लगी. संचिता के डॉक्टर पिता उसे गोरखपुर ले आएं. जहां उसका इलाज होने लगा. कुछ महीने बाद हरीश भी नौकरी छोड़कर गोरखपुर आ गया और ससुराल में रहने लगा. पिछले दो साल से वो नौकरी की तलाश में था और नशे का आदी हो चुका था. उन्मुक्त जीवन शैली उसके आर्थिक बोझ को और बढ़ाने लगी. पांच जुलाई को हरीश ने पटना जाने की बात कह गोरखपुर से निकला, लेकिन बजाय पटना जाने के वो बनारस आ गया और सारनाथ के मवईया स्थित एक होम स्टे में रुक गया.
होस स्टे में फांसी लगाकर दी जान
हरीश सारनाथ के अटल नगर कॉलोनी, मवईया के एक होम स्टे में रुका और शुक्रवार की रात उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सुसाइड से पहले उसने ऑनलाइन कमरा होम स्टे के लिये बुक कराया था. शुक्रवार की रात 8 बजे उसने चेक इन भी किया था. इस बीच होम स्टे के दौरान उसने ऑनलाइन खाना मंगाया. इसका मैसेज उसकी पत्नी संचिता श्रीवास्तव के मोबाइल पर गया तो पत्नी ने सोचा कि उसका पति बिहार न जाकर बनारस क्यों पहुंच गया. उसने हरीश को फोन लगाया लेकिन रिसीव नहीं हुआ.
वह लगातार उसे फोन मिलाती रही, उसके पति की ओर से कोई जबाव नहीं मिला. इस बात से परिवार के लोग परेशान होने लगे. उन्होंने अपने एक रिश्तेदार से संपर्क कर पूरी बात बताई और जहां हरीश रुका हुआ था, वहां का पता बताया. रिश्तेदार ने जब होम स्टे जाकर खोज खबर ली तब हरीश की आत्महत्या की जानकारी मिली.
संचिता ने बिल्डिंग से कूदकर दी जान
शनिवार को संचिता के घर वालों को इसकी जानकारी दी गई. रविवार सुबह जब डॉक्टर पिता ने संचिता को इसकी जानकारी दी और पटना चलने को कहा. पति की मौत की खबर सुनते ही संचिता हक्का-बक्का रह गई. उसने घर की तीसरे मंजिल से कूदकर जान दे दी. संचित की मौत से परिजनों में हड़कंप मच गया. सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. उधर हरीश के शव का भी पोस्टमार्टम कराया गया है. पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी उलझन ये है कि पटना जाने के लिए निकला हरीश आखिर बनारस आकर क्यूं रुका? कहीं मोक्ष का कोई एंगल तो नहीं, क्यूंकि बनारस में मोक्ष के लिए कई आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.अब सारनाथ पुलिस इस एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है.