वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास येलो जोन में बड़ा हादसा हुआ है. यहां खोआ गली चौराहे के पास स्थित दो मकान धराशायी हो गए. यह घटना सोमवार की देर रात की है. इस हादसे में एक सिपाही और दो महिलाओं समेत पांच से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है. सूचना मिलते ही हरकत में आई चौक थाना पुलिस ने आपदा राहत टीम के साथ मिलकर राहत कार्य शुरू कर दिया है. हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मैदागिन की ओर से विश्वनाथ मंदिर आने वाले मार्ग पर गेट नंबर 4 को बंद कर दिया है.
पुलिस के मुताबिक फिलहाल विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर एक और दो से प्रवेश दिया जा रहा है. वहीं घटना स्थल पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही फायर ब्रिगेड की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं. तीन मंजिल की इस इमारत का मलबा बड़ी सावधानी के साथ हटाया जा रहा है. पुलिस ने बताया कि खोआ गली चौराहे के पास स्थित जवाहिर साव कचौड़ी वाले के ऊपर राजेश गुप्ता व मनीष गुप्ता के 70 साल पुराने मकान थे.
सोमवार रात को हादसा
यह दोनों मकान आपस में सटे थे और जर्जर हो चुके थे. चूंकि बनारस में कई दिनों से बारिश हो रही थी, इसलिए इस मकान की नींव तक में पानी भर गया था. इसकी वजह से सोमवार की देर रात पहले एक मकान धराशायी हुआ और झटका लगने से उससे सटा दूसरा मकान भी बैठ गया. बचाव कार्य में जुटी पुलिस ने बताया कि अभी तक साफ नहीं हो सका है कि मलबे में कितने लोग दबे हैं.
युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारी
अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही और दो महिलाओं समेत पांच से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है. इन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बड़े स्तर पर राहत अभियान शुरू किया गया है. हाथ से और जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है. वहीं, किसी तरह की अन्य घटना को रोकने के लिए मंदिर मार्ग के गेट नंबर चार को बंद कर दिया गया है.
महिला की मौत
ऑपरेशन पूरा होने के बाद पुलिस ने मलबे में दबे सभी लोगों को बाहर निकाल लेने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि दौरान इस हादसे में घायल एक महिला की मौत हो गई. वहीं बाकी लोगों का इलाज जारी है. अब पुलिस घटना के कारणों की जांच करा रही है.