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UP: बदायूं से पांच बार के सांसद रहे सलीम शेरवानी ने लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था, पांच महीने बाद सपा प्रमुख अखिलेश ने उनके इस्तीफे का जवाब दिया. जानिए

सब समय का फेर है. राजनीति में समय के सामने सब नतमस्तक है. वरना अखिलेश यादव को चिट्टी का जवाब देने में 5 महीने क्यों लगते? पर ऐसा हुआ. क्योंकि समय को यही मंजूर था. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने सलीम इकबाल शेरवानी से पार्टी में बने रहने की अपील की है. पूर्व सांसद शेरवानी ने 18 फरवरी को महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. वे राज्य सभा का टिकट न मिलने से नाराज थे.

शेरवानी ने दुखी होकर राजनीति से संन्यास लेने तक का ऐलान कर दिया था. वहीं, अब अखिलेश यादव ने उन्हें चिट्ठी लिखी है. उन्होंने शेरवानी से कहा है कि पार्टी को उनकी जरूरत है. सलीम शेरवानी पांच बार सांसद रहे हैं. यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उनकी समाजवादी पार्टी में वापसी हुई थी. वे कुछ समय के लिए कांग्रेस में चले गए थे.

सलीम शेरवानी ने 18 फरवरी को दिया था इस्तीफा

फरवरी के महीने में अखिलेश यादव ने राज्य सभा के लिए तीन उम्मीदवारों की घोषणा की. उस लिस्ट में सलीम शेरवानी का नाम नहीं था. उन्हें भरोसा था कि अखिलेश यादव उन्हें सासंद बनाएंगे. ऐसा नहीं हुआ. तो सलीम शेरवानी ने 18 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. तब उन्होंने आरोप लगाया था कि समाजवादी पार्टी में मुस्लिम नेताओं की अनदेखी हो रही है. पार्टी के कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की. पर वे नहीं माने.

Akhilesh Yadav

राजनीति से संन्यास लेने तक की कर दी घोषणा

अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को बदायू से लोकसभा का टिकट दे दिया. सलीम शेरवानी को एक बार फिर निराशा हाथ लगी. उन्हें लगा अब आगे कुछ नहीं हो सकता है. फिर 22 मार्च को अपने जन्म दिन पर उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. उन्हें लगा कि अब पॉलिटिक्स में उनके लिए कुछ नहीं बचा है.

मगर समय ने उनके लिए कुछ और लिख रखा था. जो चिट्ठी उन्होंने अखिलेश यादव को फरवरी महीने में लिखा था उसका जवाब उन्हें अब मिला है. अखिलेश ने उनसे कहा है कि उनके जैसे श्रेष्ठ व्यक्ति की पार्टी को जरूरत है. अखिलेश ने अपनी चिट्ठी में सलीम शेरवानी से अपना इस्तीफा वापस लेने का रिक्वेस्ट किया है.

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