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मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मानसूनी बारिश एक बार फिर से तूफान की आशंका, बंगाल को खाड़ी से उठा कम निम्न दबाव के चक्रवात लोपार ने तूफान का रूप ले लिया

मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मानसूनी बारिश एक बार फिर से सक्रिय होकर लोगों को भिगो रही है. वहीं, अब तटीय इलाकों में तूफान की आशंका बनी हुई है. बंगाल को खाड़ी से उठा कम निम्न दबाव के चक्रवात ने तूफान का रूप ले लिया है. इस तूफान का नाम लोपार (LOPAR) दिया गया है. ओडिशा और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से लगे उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 7 किमी प्रति घंटे की गति से लगभग पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया.

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश तट के क्षेत्र में एक दबाव क्षेत्र में बदल गया. ये ओडिशा के पुरी से लगभग 50 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम, गोपालपुर से 90 किमी पूर्व, पारादीप से 140 किमी दक्षिण-पश्चिम और कलिंगपट्टनम (आंध्र प्रदेश) से 200 किमी उत्तर-पूर्व में है.

24 घंटों में हो जाएगा कमजोर

आईएमडी के मुताबिक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए यह अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा. मानसून की द्रोणिका सक्रिय है तथा अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है. अगले 2-3 दिनों के दौरान इसके अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में रहने की संभावना है. एक कतरनी क्षेत्र निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में लगभग 20°N के साथ चलता है जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुकता है. औसत समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका औसत समुद्र तल पर दक्षिण गुजरात-उत्तर केरल तटों के साथ चलती है. एक चक्रवाती परिसंचरण निचले क्षोभमंडल स्तरों में पूर्वोत्तर अरब सागर और उससे सटे सौराष्ट्र पर स्थित है

यहां होगी भारी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिनों के दौरान क्षेत्र में गरज और बिजली के साथ व्यापक रूप से हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है. शनिवार को कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक, विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. 21 जुलाई को गुजरात क्षेत्र और 22 जुलाई को सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश होने की आशंका है.

अगले 5 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात राज्य, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग/कुछ स्थानों पर और 20-21 जुलाई के दौरान केरल और माहे, तेलंगाना, 20 जुलाई को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तमिलनाडु, ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मराठवाड़ा भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.

उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों में रहेगी ऐसी स्थिति

उत्तर-पश्चिम भारत की बात करें तो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली में गरज और बिजली के साथ छिटपुट से लेकर काफी व्यापक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है. अगले 5 दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट से लेकर छिटपुट बारिश होने की संभावना बनी हुई है.

आईएमडी ने अपने बुलेटिन में बताया कि अगले 5 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान में छिटपुट भारी बारिश की संभावना है. 21 जुलाई को पूर्वी राजस्थान में छिटपुट बहुत भारी बारिश की संभावना है. 22 और 23 जुलाई को हिमाचल प्रदेश और 20-22 जुलाई के दौरान उत्तराखंड में ऐसी स्थिति बनी रहेगी.

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में होगी तेज बारिश

अगले 5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. अगले 4-5 दिनों के दौरान नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में छिटपुट जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है.

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