महाराष्ट्र के बीड में भाजपा नेता पंकजा मुंडे के लोकसभा चुनाव हारने के बाद अब तक उनके चार समर्थकों ने आत्महत्या कर ली है। पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों से ऐसा न करने की अपील की है। 7 जून को लातूर का रहने वाला सचिन मुंडे, जो पंकजा मुंडे का समर्थक है, उसने आत्महत्या कर ली। 9 जून को पांडुरंग सोनावणे की मृत्यु हुई, जिन्होंने अंबाजोगाई, बीड में आत्महत्या कर ली। इसके बाद 10 जून को तीसरी मौत हुई, आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की पहचान पोपटराव वैभासे के रूप में हुई, जो अष्टी, बीड में रहता था। पंकजा मुंडे के चौथे समर्थक गणेश बाडे ने 16 जून को एक खेत में खुद को फांसी लगा ली।
पंकजा मुंडे के कट्टर समर्थक रहे गणेश बाडे को बीड लोकसभा चुनाव में पंकजा मुंडे की हार से झटका लगा था। इसके बाद उसने अवसाद के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खबर सामने आने के बाद पंकजा मुंडे ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी, जहां उन्हें फूट-फूट कर रोते देखा गया।
बजरंग सोनावणे से हारीं पंकजा
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे बीड लोकसभा सीट पर एनसीपी (शरद पवार) के बजरंग सोनावणे से हार गई। इसके बाद उनके समर्थकों में काफी निराशा देखी गई। समर्थकों की ओर से आत्महत्या की घटना सामने आने पर पंकजा मुंडे ने ऐसा न करने की अपील की है। सोशल मीडिया पर समर्थकों से आत्महत्या न करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मेरी हार के बाद निराश लोग अपनी जान दे रहे हैं। मुझे लगता है कि मेरे खिलाफ 307 का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि मैं ही वह वजह हूं, जिससे इतने सारे लोग मुझसे प्यार करते थे। मेरी वजह से लोगों ने अपनी जान गंवाई। ऐसा मत कीजिए।
‘आज नहीं तो कल, हमारी जीत निश्चित है’
उन्होंने एक वीडियो जारी करके समर्थकों से अपील की थी कि कोई भी अपनी जान न दे। पंकजा मुंडे ने कहा कि स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे हो या मैं खुद, हमने कभी भी राजनीति के लिए लोगों और अपने समाज का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने अपील की कि खुदकुशी जैसे कदम न उठाएं। राजनीति में हार जीत लगी रहती है. हम मिलकर फिर से मेहनत करेंगे और अगला चुनाव बहुमत से जीतेंगे। आज नहीं तो कल, हमारी जीत निश्चित है।