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Aligarh: अलीगढ़ के रहने वाले एक दर्जी की बेटी अल्फिया इरफान खान ने NEET परीक्षा में 691 अंक हासिल करके 4260वीं रैंक हासिल करते हुए अपने माता-पिता के साथ जिले का नाम रोशन किया

Aligarh: अलीगढ़ के रहने वाले एक दर्जी की बेटी अल्फिया इरफान खान ने NEET परीक्षा में 691 अंक हासिल करके अपने माता-पिता के साथ जिले का नाम रोशन किया है. अल्फिया ने 4260वीं रैंक हासिल करते हुए यह महारत हासिल की है. नीट के नतीजे जारी होने के बाद अलीगढ़ जिले में खुशी का माहौल है.

थाना सिविल लाइन के आलम बाग गली नंबर 5 निवासी दर्जी इरफान खान की बेटी अल्फिया इरफान खान ने नीट में 691 अंक प्राप्त कर अपने माता-पिता के चेहरे पर खुशी प्रदान की है. अल्फिया खान के पिता पेशे से दर्जी हैं, आर्थिक हालात बेहतर नहीं हैं, ऐसे में अल्फिया खान की सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. महंगाई और कम्पटीशन के इस युग में एक दर्जी को अपनी बेटी की सफलता के लिए कितनी परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल उसकी दुकान बल्कि घर भी किराए का है और सिर्फ उनके पिता ही कमाने वाले हैं. बच्चों को पढ़ाने के लिए वे किराए की इस छोटी सी दुकान में सिलाई का सारा काम अकेले ही करते हैं.

अल्फिया ने सुनाई पिता के संघर्ष की कहानी
अल्फिया ने बातचीत में कहा कि मैं एक सफल हृदय रोग विशेषज्ञ बनना चाहती हूं जिसके लिए मैं दिन-रात मेहनत कर रही हूं. मेरे माता-पिता भी पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि में उन दिनों को नहीं भूल सकती जब मेरे पिता मुझे उस उम्र में भारी सांस लेते हुए, ई-रिक्शा में बैठाकर रिक्शा चलाने के लिए कोचिंग करने के लिए भेजते थे. अल्फिया के पिता इरफान खान ने अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जताई.

इरफान खान ने कहा कि आज के युग में शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए मैं भी शिक्षित करने की पूरी कोशिश करता हूं, भले ही मैं एक छोटा सा दर्जी हूँ, मेरी किराये की दुकान है. मैं सिलाई का सारा काम अकेले करता हूँ और मेरा घर भी किराए का है. मेरे दो लड़के और दो लड़कियां हैं, उन सभी को पढ़ाने के लिए मैं दर्जी का काम करता हूँ. जब सिलने के लिए कपड़े नहीं होते तो सब्जियाँ और फल भी बेचता हूँ. अल्फिया ने जो सपना देखा था वह अब पूरा हो रहा है. अल्फिया खान के पिता इरफान खान ने बताया कि वह दो बेटियों के पिता हैं.  एक बेटी 10वीं क्लास में है जबकि दूसरी बेटी डॉक्टर बनने की तैयारी कर रही है.

अल्फिया के शिक्षक ने क्या कहा? 
अल्फिया के शिक्षक पवन कुमार सिंह ने कहा कि हमारे संस्थान की खासियत है कि अगर किसी बच्चे में प्रतिभा है तो उसे बढ़ावा दिया जाता है. बच्चे की आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखा जाता है.  अल्फिया खान बेहद प्रतिभाशाली और मेहनती हैं, जब संस्थान को अल्फिया की आर्थिक स्थिति के बारे में पता चला तो लड़की को मुफ्त शिक्षा दी गई. आज इस लड़की ने न केवल अपने माता-पिता बल्कि संस्थान का भी नाम रोशन किया है.

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