ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदू मुसलमान वाले बयान पर बुधवार को बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी।
मौलाना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक न्यूज चैनल पर इंटरव्यू के दौरान कहा कि उन्होंने कभी हिंदू-मुस्लिम के बीच कुछ कोई भेदभाव नहीं किया, बल्कि उनके कई अच्छे मुस्लिम मित्र हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं जिस दिन हिंदू मुस्लिम करुंगा उस दिन सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा। मैं ऐसा नहीं करुंगा, ये मेरा संकल्प है।
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि मुसलमानों के प्रति प्रधानमंत्री की यह सोच उनको बाकी सभी नेताओं से अलग बनाती है। यह तो जगजाहिर है कि प्रधानमंत्री देश में एकता पसंद करते हैं, क्योंकि यही वह चीज है जो देश में भाईचारे को बढ़ावा देती है। वह सभी धर्मों को बहुत ही सम्मान देते हैं। हमारा संविधान भी यही कहता है कि देश में एकता, अखंडता या भाईचारा कायम रहेगा, तभी देश का विकास संभव हो सकता है, क्योंकि एकता में ही शक्ति है।
‘प्रधानमंत्री की मुखालफत न करें मुसलमान’
मौलाना ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा रमजान, ईद और पैगंबरे इस्लाम के जन्मदिन पर अपना पैगाम जारी करके मुसलमानों को मुबारकबाद देते आए हैं। अब ऐसी परिस्थिति में मुसलमानों को चाहिए कि प्रधानमंत्री की मुखालफत न करें और विरोध बंद कर दें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुस्लिम समुदाय से अपने आप को जोड़कर देखना चाहते हैं तो हम भी उनकी बात का सम्मान करते हुए उनके प्रति सकारात्मक रुख अपनाएं। हमेशा किसी व्यक्ति की एकतरफा मुखालफत से टकराव बढ़ता है और इससे समाज की तरक्की नहीं हो सकती। मौलाना ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि अब टकराव के बजाय प्रधानमंत्री से दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए।