लोकसभा चुनाव के दौरान हैदराबाद से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कैंडिडेट माधवी लता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह पोलिंग बूथ पर मतदान के लिए बैठी महिलाओं के वोटर आईडी चेक करती नजर आ रही हैं. इस दौरान माधवी लता महिलाओं से उनका बुर्का हटवाकर भी देख रही हैं. वीडियो हैदराबाद के पुराने शहर के एक पोलिंग बूथ का बताया जा रहा है.
घटना का वीडियो सामने आने के बाद माधवी लता के खिलाफ हैदराबाद के मलकपेट पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर लिया गया है. मामले पर हैदराबाद कलेक्टर ने कहा है कि माधवी लता के खिलाफ धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
माधवी लता की आई सफाई
इस घटना पर उनकी सफाई भी आई है. उन्होंने एजेंसी से कहा है कि मैं प्रत्याशी हूं और कानून के मुताबिक मुझे अपने क्षेत्र के मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड और उन्हें फेस मास्क के बिना देखने का अधिकार है. मैं पुरुष नहीं महिला हूं. मैंने काफी विनम्रता के साथ उनसे निवेदन किया. मैंने उनसे कहा कि क्या मैं आईडी कार्ड के साथ आपको भी देख सकती हूं. अगर कोई इस घटना को बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है तो इसका मतलब साफ है कि वह डर रहा है.
तेलंगाना की सभी सीटों पर वोटिंग जारी
तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर वोटिंग जारी है. भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक के बाद दक्षिण भारत के इस राज्य से कुछ बेहतर चुनाव परिणाम की उम्मीद कर रही है. तेलंगाना चुनाव में सबसे अधिक जिस एक सीट पर लोगों की निगाहें होती हैं, वह सीट हैदाराबाद की ही है. एआईएमआईएम के मुखिया असद्दुदीन ओवैसी यहां से लगातार सांसद चुने जाते रहे हैं. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने माधवी लता को उम्मीदवार बना मामला दिलचस्प बना दिया है.
हैदराबादः औवैसी परिवार का गढ़
2019 आम चुनाव में ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी के भागवानाथ रॉव को करीब 2 लाख 80 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया था. ओवैसी 2004 ही से लगातार इस सीट से चुने जा रहे हैं. 2004 में 3 लाख 78 हजार के करीब वोट हासिल करने वाले ओवैसी 2019 के आम चुनाव में 5 लाख से ऊपर वोट ले आए थे. 2019 में भाजपा के रॉव को 2 लाख 35 हजार के आसपास वोट मिले थे. माधवी लता की कोशिश है कि ओवैसी परिवार के इस गढ़ को ध्वस्त किया जाए.
क्या पार्टी उम्मीदवार पोलिंग सेंटर पर चेक कर सकता है मतदाता की ID? माधवी लता के वीडियो से उठ रहे सवाल
क्या मतदान के दौरान पोलिंग बूथ पर कोई उम्मीदवार मतदाता का पहचान पत्र या आधार कार्ड चेक कर सकता है? सोमवार को हैदराबाद में यह मुद्दा उठा. हैदराबाद लोकसभा सीट से भाजपा कैंडिडेट माधवी लता का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वो पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की आईडी कार्ड जांच रही हैं. कार्ड से उनके चेहरे का मिलान कर रही हैं. कई मुस्लिम मतदाताओं का बुर्का हटाकर चेहरा दिखाने की बात कह रही हैं. हालांकि, जब माधवी लता से सवाल किया गया है तो उन्होंने कहा कि यह मेरा अधिकार है.सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या कोई उम्मीदवार पोलिंग स्टेशन पर पहुंचकर ऐसा कर सकता है?
मतदान स्थल पर वोटिंग में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए पार्टियों के अधिकृत पोलिंग एजेंट वहां पर होते हैं, जो वहां नजर बनाए रखते हैं लेकिन वहां उम्मीदवार का रोल क्या है और क्या उनके पास वोटिंग कार्ड चेक करने का अधिकार है? क्या पुलिस पोलिंग सेंटर पर मतदाता का आईडी कार्ड चेक कर सकती है? आइए इस सवाल का जवाब जान लेते हैं.
क्या उम्मीदवार चेक कर सकता है मतदाता की आईडी?
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल कहते हैं कि मतदान केंद्र के बाहर किसी भी प्रत्याशी के पास यह अधिकार नहीं है कि वह मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर सकें. यह काम चुनाव आयोग का है. वोटर कार्ड या कोई भी अधिकृत पहचान पत्र चेक करने का अधिकार केवल मतदान केंद्र के अंदर तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के पास है.
हैदराबाद में पोलिंग बूथ पर मौजूद माधवी लता
क्या मतदाता कर सकता है विरोध?
सुप्रीम कोर्ट के वकील आशीष पांडे कहते हैं, मतदान स्थल पर पोलिंग एजेंट या पार्टी के उम्मीदवार के पास ऐसा कोई भी काम करने का अधिकार नहीं है, जिससे वोटिंग की प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा पहुंचे या मतदाता परेशान हो.
अगर किसी पोलिंग सेंटर पर उम्मीदवार आपसे किसी तरह का आईडी कार्ड दिखाने को कह रहा है तो उसे मना कर सकते हैं. संवैधानिक तौर उसके पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. अगर किसी पार्टी को लगता है कि किसी बूथ पर गड़बड़ी हो रही है या हो सकती है, तो वहां पर अपने एजेंट की तैनाती कर सकते हैं, लेकिन उनके पास भी ऐसा कोई अधिकार नहीं है जो मतदान की प्रक्रिया को बाधित करे. या उनके मतदाता को मतदान के अधिकार को रोके.
हालांकि, अगर कोई शख्स या दूसरी पार्टी का एजेंट इसको लेकर आपत्ति नहीं दर्ज कराता है तो पर उस किसी तरह का कोई मामला नहीं बनता है. उस कोई कार्रवाई नहीं होगी.
माधवी लता ने आईडी चेक करने को बताया अधिकार
क्या पुलिस के पास है यह अधिकार?
पुलिस मतदाता का आईडी चेक कर सकती है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी दुबे कहते हैं, मतदान केंद्र में प्रवेश करते समय तैनात पुलिस अफसर केवल पहचान की दृष्टि से जरूर कोई दस्तावेज मांग सकते हैं. अगर किसी भी तरह के कन्फ्यूजन की स्थिति बनती है तो मतदान केंद्र के अंदर पार्टियों के अधिकृत प्रतिनिधि अफसरों के सामने मतदाता अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं.