लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बसपा प्रमुख मायावती को बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद उन्होंने आरएलडी को ज्वॉइन कर लिया है.आरएलडी में शामिल होने के बाद मलूक नागर ने कहा, “साल 2006 से मैं बसपा में हूं. ये ऐतिहासिक रिकॉर्ड है क्योंकि 18 साल तक बसपा में कोई और नहीं टिका. बसपा में लोग या तो पार्टी से निकाल दिए जाते हैं या तो पार्टी छोड़कर चले जाते हैं. 2022 में मैंने विधायक चुनाव नहीं लड़ा, 2024 में सांसद चुनाव भी नहीं लड़ा. घर में बैठकर देश के लिए काम ना करें, ये ठीक नहीं था.”
इससे पहले मलूक नागर ने कहा, ‘मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मैं घर पर नहीं बैठ सकता. मैं इस पार्टी में 18 साल से हूं. मैं देश और जनता के लिए काम करना चाहता हूं. बीएसपी में ये इतिहास रहा है कि एक कार्यकाल के बाद या तो आपको पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा या फिर पार्टी आपको घर बैठा देगी.’
बता दें कि बसपा चीफ मायावती ने इस बार मलूक नागर का टिकट काट दिया था. नागर की जगह बीएसपी ने विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. जानकारों का कहना है कि टिकट न मिलने को लेकर नागर नाराज चल रहे थे. इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ी है. बता दें कि नागर की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी. उन्हें मायावती का खास भी माना जाता था.
लगातार दो लोकसभा चुनावों में मिली हार
बता दें कि नागर 2009 का लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर मेरठ से लड़ा था लेकिन उन्हें इस चुनाव में हार मिली. वहीं, 2014 में उन्होंने बिजनौर से संसदीय चुनाव लड़ा था मगर इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें बिजनौर से जीत मिली थी. इस बार भी उन्हें यहां से टिकट मिलने की उम्मीद थी पर पार्टी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पार्टी ने इस बार यहां से विजेंद्र सिंह को टिकट दे दिया. टिकट न मिलने से नागर नाखुश थे.
नागर सबसे अमीर सांसद
नागर की गिनती यूपी के सबसे अमीर सांसदों में होती है. उन्होंने हलफनामे में 249 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. नागर वैसे बड़े बिजनेसमैन हैं. उनका रियर स्टेट का कोरबार है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अक्टूबर 2020 में नागर के कंपनियों पर रेड मारी थी
मालूक नागर ने बीएसपी छोड़ते हुए कहा कि वह पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हैं. मलूक का परिवार लंबे समय से बीएसपी का हिस्सा रहा है. वह खुद दो बार बीएसपी के टिकट पर चुनाव हारने के बाद सांसद बने, लेकिन अब उन्होंने पाला बदलने का फैसला किया है.
17वीं संसद में सबसे ज्यादा मुद्दे उठाए
17वीं संसद में सबसे ज्यादा 854 मुद्दों को उठाने वाले मलूक नागर का जन्म हापुड़ के शकरपुर में हुआ. 1980 में हाईस्कूल और 1985 में बीएससी की डिग्री करने के बाद उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया.
आयकर विभाग ने मारा था छापा
मलूक नागर उत्तर प्रदेश के बड़े कारोबारियों में शामिल हैं. 2019 में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपए के करीब बताई थी. इसमें 115 करोड़ की अचल संपत्ति शामिल है. उनके ऊपर 101 करोड़ रुपए का बैंक कर्ज है. एसबीआई ने उनके और उनके भाई के खिलाफ 54 करोड़ रुपए का वसूली नोटिस भी जारी किया था. इसके बाद आयकर विभाग ने उनके कुछ ठिकानों पर छापेमारी की थी.
क्यों छोड़ी पार्टी?
मलूक नागर ने लिखा कि मजबूरी में उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ रही है. उन्होंने दो पन्ने की चिट्ठी में लिखा कि उनका परिवार करीब 39 साल से लगातार बीएसपी का हिस्सा रहा है. इस दौरान उन्हें ब्लॉक प्रमुख, चेयरमैन, विधायक, मंत्री, सांसद और कई अन्य अहम पदों पर रखा गया, लेकिन पहली बार वह कोई चुनाव नहीं लड़ पाए. 18 साल तक पार्टी में रहने वाले नागर ने आभार जताते हुए बीएसपी छोड़ी है.