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इसरो: एस सोमनाथ – चंद्रयान-4 मिशन विकास की प्रक्रिया में, हमारे प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि 2040 में एक भारतीय चंद्रमा पर उतरेगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-4 मिशन विकास की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अनुसंधान एक निरंतर प्रक्रिया है और देश तेजी से प्रगति करने की राह पर है. सोमनाथ यहां सतपाल मित्तल स्कूल के कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे थे.

डॉ. सोमनाथ ने कहा कि इसरो अपने चंद्र मिशन के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2040 के दशक की शुरूआत में चंद्रमा की सतह पर मानव को उतारने के लिए देश का लक्ष्य निर्धारित किया है. पिछले साल अगस्त में, भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था.

चंद्रयान श्रृंखला की अगली कड़ी

चंद्रयान-4 पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि यह एक अवधारणा है, जिसे हम अब चंद्रयान श्रृंखला की अगली कड़ी के रूप में विकसित कर रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि 2040 में एक भारतीय चंद्रमा पर उतरेगा. इसके लिए हमें चंद्रमा पर विभिन्न प्रकार के निरंतर इन्वेस्टिगेशन की आवश्यकता है. चंद्रयान-4 चंद्रमा पर एक यान भेजने और नमूना इकट्ठा करने और उसे पृथ्वी पर वापस लाने की दिशा में पहला कदम है.

चंद्रयान-3 टीम को मिला पुरस्कार

भारत की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रतिष्ठित 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार मिला है.कोलोराडो में वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के दौरान सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत डीसी मंजूनाथ ने यह पुरस्कार प्राप्त किया.

भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए प्रेरणा

स्पेस फाउंडेशन ने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले पहले देश के रूप में, इसरो द्वारा विकसित मिशन चंद्रयान-3 मानवता की अंतरिक्ष अन्वेषण आकांक्षाओं को समझ और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों तक विस्तारित करता है.स्पेस फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीदर प्रिंगल ने जनवरी में पुरस्कार की घोषणा के समय एक बयान में कहा था अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए प्रेरणा है.

सॉफ्ट लैंडिंग कर रचा इतिहास

उन्होंने कहा कि संपूर्ण चंद्रयान-3 टीम के अग्रणी कार्य ने अंतरिक्ष अन्वेषण के स्तर को फिर से बढ़ा दिया है. उनकी उल्लेखनीय चंद्र लैंडिंग हम सभी के लिए एक मॉडल है. बधाई हो और हम यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते कि आप आगे क्या करते हैं. भारत ने पिछले साल अगस्त में मिशन चंद्रयान-3 के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था और चांद के इस क्षेत्र पर उतरने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया था.

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