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Arvind kejariwal: शराब घोटाला मामले में ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया जिसमें केजरीवाल द्वारा दायर की गई याचिका पर विरोध जताया और कहा कि वह धनशोधन के अपराध के दोषी हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर आज 3 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 अप्रैल की शाम केजरीवाल की याचिका पर हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के किंगपिन हैं। ED ने अपने हलफनामे में बताया कि दिल्ली की पूरी शराब नीति केजरीवाल ने तैयार की।

ED ने कोर्ट से क्या कहा?

ED ने आम आदमी पार्टी को शराब घोटाले की आय का मुख्य लाभार्थी बताया। ईडी ने कोर्ट को बताया आम आदमी पार्टी को दिल्ली शराब घोटाले के रुपयों का सबसे ज्यादा फायदा मिला है। ईडी ने कहा कि ‘आप’ ने अरविंद केजरीवाल के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है। पार्टी ने गोवा विधानसभा चुनाव 2022 में शराब घोटाले के लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए। हवाला के जरिए पैसा गोवा पहुंचाया गया। ये अपराध PMLA 2002 की धारा 70 के तहत आते हैं।

“जांच में सहयोग करने के कई मौके दिए गए”

ED ने अपने हलफनामे में गवाह एनडी गुप्ता के बयान का जिक्र किया। ED ने कहा कि नीति बनाने में केजरीवाल सीधे तौर से जुड़े थे। जांच एजेंसी ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को 9 समन भेजकर मामले की जांच में सहयोग करने के कई मौके दिए। हालांकि, केजरीवाल ने जानबूझकर एजेंसी के आदेश को नहीं माना। वे हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर जांच में शामिल नहीं हुए।

केजरीवाल ने 23 मार्च को HC में लगाई थी याचिका

बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ 23 मार्च को हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। हाई कोर्ट ने 27 मार्च को ईडी को नोटिस जारी कर 2 अप्रैल तक जवाब मांगा था। मामले पर आज 3 अप्रैल को सुनवाई होगी। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के अलावा राउज एवेन्यू कोर्ट के रिमांड के फैसले को भी चुनौती दी है। दरअसल, उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगले दिन उन्हें 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था, जिसे बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाया गया। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया।​​​​​​

दिल्ली शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और निचली अदालत की कस्टडी के खिलाफ दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट में जांच एजेंसी ईडी ने हलफनामा दाखिल किया है और इस हलफनामे में ईडी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘आबकारी घोटाले’ के ‘सरगना’ एवं ‘षडयंत्रकारी’ हैं और इसके पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह मानने के कारण हैं कि वह धनशोधन के अपराध के दोषी हैं। ‘

घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में एजेंसी द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) नेता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का विरोध करते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी, जो अपराध की आय का ‘प्रमुख लाभार्थी’ था, ने केजरीवाल के माध्यम से अपराध किया है।

ईडी ने कहा, ‘‘ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षडयंत्रकारी हैं। अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर आबकारी नीति 2021-22 बनाने में शामिल थे।’’

एजेंसी ने कहा, ‘‘इस नीति का मसौदा ‘साउथ ग्रुप’ को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था और इसे विजय नायर, मनीष सिसोदिया और ‘साउथ ग्रुप’ के प्रतिनिधि सदस्यों की मिलीभगत से बनाया गया था।’’ ईडी ने कहा कि आप ने केजरीवाल के माध्यम से धनशोधन का अपराध किया है और इस तरह यह अपराध पीएमएलए, 2002 की धारा 70 के दायरे में आता है।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी दिल्ली आबकारी घोटाले में अर्जित अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी है। अरविंद केजरीवाल आप की प्रमुख गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। जैसा कि गवाहों के बयान से स्पष्ट होता है कि वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और नीति बनाने के निर्णयों में भी शामिल थे।’’ न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा के समक्ष बुधवार को इस मामले में सुनवाई होने वाली है।

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