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कच्चातिवु आइलैंड: कच्चातिवु आइलैंड के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू, प्रधानमंत्री ने आइलैंड के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा तो वहीं अब कांग्रेस ने पीएम पर पलटवार किया

कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कच्चातिवु द्वीप को पीएम मोदी चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं जबकि मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ इसी तरह का समझौता किया है. खरगे ने कहा चुनाव से ठीक पहले इस संवेदनशील मुद्दे को उठाया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि खरगे ने कहा कि पीएम मोदी को बताना चाहिए कि पिछले दस सालों में उनकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए.

कच्चातिवु आइलैंड को लेकर अब सिसायी संग्राम छिड़ गया है. इस एक मुद्दे ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कच्चातिवु आइलैंड के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर जमकर निशाना साधा. वहीं इस मामले में अब कांग्रेस ने पीएम पर पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि पीएम ने आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कच्चातिवु का मुद्दा उठाया है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि तमिलनाडु में चुनाव हैं और पीएम मोदी के पास कोई मुद्दा नहीं है इसीलिए पीएम ने इस मुद्दे को उठाया. खरगे ने कहा कि इससे पीएम की हताशा साफ जाहिर हो रही है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि पीएम इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं जबकि मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ इसी तरह का समझौता किया है. खरगे ने कहा चुनाव से ठीक पहले इस संवेदनशील मुद्दे को उठाया जा रहा है.

‘कच्चातिवु को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए’

इसके आगे कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम पर तंज करते हुए कहा कि आपकी सरकार में दोस्ताना संबंधों के तहत भारत ने बांग्लादेश के साथ इसी तरह का समझौता किया था. 1974 में कच्चाथीवू को लेकर भी श्रीलंका के साथ इसी तरह का समझौता हुआ था. खरगे ने कहा कि जो बात आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली है, वह यह है कि आपने नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के साथ स्थिति को कैसे बिगाड़ा. खरगे ने कहा कि पीएम मोदी को बताना चाहिए कि पिछले दस सालों में उनकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए.

 

‘चुनाव से पहले उठाया संवेदनशील मुद्दा’

इसके आगे कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव से ऐन पहले पीएम इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कच्चातिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था. आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है. यदि आप कच्चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा.

खरगे ने ये भी कहा कि गांधी जी, पंडित नेहरू जी, सरदार पटेल जी, इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी, हमारे सभी प्रिय नेता भारत की एकता, हमारी क्षेत्रीय अखंडता के लिए जिये और मरे. सरदार पटेल जी ने 600 रियासतों को एक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. खरगे ने पीएम पर आरोप लगाया कि इसके विपरीत,पीएम ने गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद चीन को क्लीन चिट दे दी.

‘आपके गलत कामों का नतीजा देश भुगत रहा है’

कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि भारत का एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां किसी कांग्रेसी ने देश की एकता के लिए अपना खून न बहाया हो. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस ही थी, जिसने गंभीर बाधाओं के बावजूद तिब्बत की संप्रभुता के मुद्दे को जीवित रखा, लेकिन आपकी पार्टी के पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री ने इसे सरसरी तौर पर बर्बाद कर दिया. कांग्रेस के प्रति यह मोह छोड़िए और अपने गलत कार्यों पर विचार करिए, जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है.

पीएम ने कच्चातिवु को लेकर कांग्रेस पर बोला था हमला

दरअसल पीएम मोदी की ये प्रतिक्रिया सूचना के अधिकार (आरटीआई) रिपोर्ट के बाद आई थी. जिसमें खुलासा हुआ है कि कैसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था. जिसके बाद पीएम ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और आरोप लगाया कि उसकी सरकार में मां भारती का एक अंग काट दिया गया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए पीएम ने कहा था कि ‘आंखें खोलने वाला और चौंका देने वाला! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चातिवु को छोड़ दिया. इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है.

 

गौरतलब है कि कच्चातिवु द्वीप वह जगह है जहां तमिलनाडु के रामेश्वरम जैसे जिलों के मछुआरे जाते हैं क्योंकि भारतीय जल में मछलियां खत्म हो गई हैं. मछुआरे द्वीप तक पहुंचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करते हैं लेकिन श्रीलंकाई नौसेना उन्हें हिरासत में ले लेती है.

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