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उत्तर प्रदेश: हापुड़ में करीब 6 साल पहले हुई मॉब लिंचिंग के मामले में जिला अदालत ने 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में करीब 6 साल पहले हुई मॉब लिंचिंग के मामले में जिला अदालत ने फैसला सुना दिया है. जिसके मुताबिक कोर्ट ने 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. गोकशी के शक 2018 में दो लोगों पर हमला किया गया था. जिसमें मोहम्मद कासिम नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि दूसरा गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. ये मामला हापुड़ के बझैड़ा कला गांव का था. कोर्ट ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही 58-58 हज़ार रुपए का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है. इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 149, 307, 147, 148 और 153ए सहित विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया गया है.

दरअसल हापुड़ के पिलखुवा थाना क्षेत्र के बझैड़ा कला गांव में गोकशी की झूठी खबर फैल गई थी. जिसके बाद गांव के ही कुछ लोगों ने मोहम्मद कासिम जिनकी उम्र करीब 60 साल थी और समीउद्दीन जो 45 साल के थे उन दोनों पर हमला कर दिया. इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा गया. उन पर कई चीजों से हमला किया गया था. इस दौरान बुजुर्ग कासिम की मौत हो गई थी. जबकि समीउद्दीन गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. लेकिन उसने भी कुछ दिन बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

दो समुदायों के बीच बढ़ा तनाव

कासिम की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में से पता चला था कि उनकी पसलियां टूट गई थी. पूरे शरीर में जख्म के निशान थे. उनके सिर पर भी गंभीर चोट आई थी. इस घटना से इलाके में बवाल मच गया था, गांव में दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया था. इस मामले में जमकर राजनीति भी हुई थी. मृतक कासिम के परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

उम्रकैद के साथ लगा जुर्माना

विशेष लोक अभियोजन विजय कुमार चौहान ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट में चल रही थी. कोर्ट में दोनों पक्षों ने दलीलें पेश की. जिसके बाद अपर जिला जज श्वेता दीक्षित ने सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया और 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही जुर्माने की सजा सुनाई.

जिन 10 आरोपियों को सजा सुनाई गई है उनमें गांव बझैड़ा खुर्द थाना पिलखुवा के रहने वाले युधिष्ठिर, राकेश, कालू उर्फ कप्तान, सोनू, मांगेराम, रिंकू, हरिओम, मनीष, ललित, करणपाल शामिल है. कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया.

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