Income Tax Raid:चैरिटी की आड़ में यूपी में करोड़ों के घालमेल का खुलासा हुआ है। सामाजिक कार्यों के अनुदान को चेन बनाकर बार-बार दूसरे ट्रस्ट को हस्तांतरण किया गया। आयकर विभाग की जांच में एक या दो शहर नहीं, बल्कि प्रदेश में घालमेल का खेल 500 करोड़ का निकला।
हालांकि जांच अभी जारी है। यह आंकड़ा और बढ़ेगा। चैरिटेबल ट्रस्टों का यह खेल पहली बार सामने आने से आयकर अधिकारी भी सकते में हैं।
सामाजिक स्तर पर जरूरतमंदों की मदद के लिए ट्रस्टों को बड़े स्तर पर चैरिटी मिलती है। आयकर विभाग ने इस पर ट्रस्टों को खास राहत भी दी है। फायदा ट्रस्टों ने जमकर उठाया भी। अब विभाग ने रकम का स्पष्टीकरण नोटिस भेजकर मांगा है। आयकर सूत्रों के अनुसार, ट्रस्टों ने चैरिटी में मिली रकम को चेन बनाकर खपाया।
चैरिटी की रकम का 85 फीसदी दूसरे ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया, जबकि 15 फीसदी अपने खर्च को रख लिया। ऐसे ही दूसरे ट्रस्ट ने भी मिली रकम का 85 फीसदी तीसरे को ट्रांसफर कर दिया। तीसरे ने चौथे और फिर पांचवें को रकम भेजी गई। हर बार सभी ने प्राप्त रकम का 15 फीसदी अपने ट्रस्ट के खर्च को रख लिया। कई सालों से चल रहे खेल के जरिए करोड़ों की आयकर चोरी की गई।
शक होने पर लाए नए प्रावधान में खुली कलई
आयकर विभाग को ट्रस्टों की कार्यशैली पर शक हुआ तो पिछले साल नया प्रावधान लाया गया। इसमें तय हुआ कि अगर कोई ट्रस्ट किसी दूसरे को रकम का 85 फीसदी हिस्सा ट्रांसफर करता है तो उस रकम के 85 फीसदी को ही चैरिटी माना जाएगा, बाकी 15 फीसदी को ट्रस्ट की आमदनी मानकर आयकर लगेगा। इसके बाद जांच शुरू हुई तो कई सालों से चल रहा खेल सामने आने लगा।
प्रदेश के 262 ट्रस्ट की भूमिका गड़बड़
प्रदेश के अबतक 262 ट्रस्ट आयकर विभाग की जांच में फंस रहे हैं। अगर कानपुर की बात करें तो इनकी संख्या 48 के करीब है। प्रदेश में 500 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है। कानपुर में यह आंकड़ा लगभग 62 करोड़ है।
आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, नोएडा में भी खेल
चैरिटी की आड़ में आयकर को करोड़ों का झटका देने में यूपी के आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद और नोएडा के ट्रस्ट भी हैं। सूत्रों के अनुसार, छोटे शहर में संचालित चैरिटेबल ट्रस्ट भी रडार पर हैं, जिनकी जांच चल रही है।
देशभर के आठ हजार ट्रस्ट शिकंजे में
आयकर विभाग की जांच के दायरे में दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड़ समेत कई प्रदेशों के करीब आठ हजार ट्रस्ट हैं। देशभर में करीब 1800 करोड़ की टैक्स चोरी अबतक उजागर होने की बात सामने आई है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
वरिष्ठ आयकर विशेषज्ञ अंकुर गोयल ने बताया कि चैरिटी में मिलने वाली रकम को लेकर चैरिटेबल ट्रस्ट कोई हेराफेरी नहीं कर सकते हैं। ट्रस्टों की ओर से पूर्व में कई बड़ी गड़बड़ी मिली हैं। इसलिए नया प्रावधान लाकर आयकर विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है। अगर टैक्स संबंधी गड़बड़ी मिलती है तो ट्रस्टों पर आयकर विभाग कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।