गौतम गंभीर, जयंत सिन्हा के बाद अब बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने राजनीति से अलविदा लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने इस बात की जानकारी दी. डॉ. हर्ष वर्धन ने बीजेपी और तमाम समर्थकों का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि वो आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर चुनावी मैदान में उतरे थे. उनके लिए जनीति का मतलब तीन मुख्य शत्रु गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना था.
अपनी पोस्ट में डॉ. हर्ष वर्धन ने लिखा कि पिछले तीस साल से ज्यादा का राजनीतिक सफर बेहद शानदार रहा. इस दौरान मैंने पांच विधानसभा चुनाव और दो संसदीय चुनाव लड़े और बड़े अंतर से जीत दर्ज की. हर्ष वर्धन ने आगे लिखा कि उन्होंने राज्य और केंद्र के साथ ही पार्टी संगठन में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया. अब वो वापस अपनी जड़ों की तरफ लौटना चाहते हैं.
‘मानव जाति की सेवा रहा आदर्श वाक्य’
अपने शुरूआती दिनों को याद करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि उन्होंने लिखा कि पचास साल पहले जब उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया था तब मानव जाति की सेवा ही उनका आदर्श वाक्य था. उन्होंने कहा कि दिल से एक स्वयंसेवक बनकर वो हमेशा कतार के अंतिम व्यक्ति की सेवा करने की कोशिश करते रहे हैं.