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टीएमसी नेता और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे सोशल साइट पर से अपना राजनीतिक परिचय हटा केवल पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता लिखा

टीएमसी नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद कुणाल घोष ने तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के साथ-साथ पार्टी प्रवक्ता के पद से भी इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने सोशल साइट एक्स से अपना राजनीतिक परिचय हटा दिया है. अब इसकी जगह केवल पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता लिखा गया है. इसके बाद से ही उन्हें पद से हटाए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक कुणाल घोष ने एक नहीं बल्कि दो पदों से इस्तीफा दिया है

बता दें कि कुणाल घोष को हाल ही में अपने एक्स हैंडल पर विस्फोटक पोस्ट करते देखा गया था. उन्होंने लिखा था, “नेता अयोग्य, गुटबाज, स्वार्थी हैं. वह पूरे साल धोखा देंगे और दीदी, अभिषेक, पार्टी के प्रति कार्यकर्ताओं के जुनून के आधार पर चुनाव जीतेंगे और निजी हितों की पूर्ति करेंगे. ऐसा बार-बार नहीं हो सकता.”

इस बीच, जैसे ही पद छोड़ने की खबर सामने आई, इसे लेकर अटकलें शुरू हो गईं. खबर है कि उन्होंने अपना पद छोड़ने की जानकारी पहले ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दे दी है.

कुणाल घोष ने छोड़ दी सुरक्षा

 

सूत्रों के मुताबिक कुणाल घोष ने पद छोड़ने के साथ ही राज्य की ओर से दी गई सुरक्षा भी छोड़ दी है. उन्होंने आज सुबह से राज्य द्वारा उन्हें सौंपे गए सुरक्षा गार्डों को हटा दिया. सूत्रों के मुताबिक, उनकी कोलकाता के एक प्रभावशाली नेता से अनबन चल रही है, लेकिन, वो शख्स कौन है, इसे लेकर भी अटकलें चल रही हैं. लेकिन पार्टी को पता है कि उनके खिलाफ किस पर आरोप हैं.

कुणाल घोष को लगता है कि जिस नेता के खिलाफ उन्होंने शिकायत की है, वह पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ऐसा उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक है. हालांकि, पद छोड़ने के बाद भी उन्होंने कहा कि वह पार्टी के कार्यकर्ता हैं. टीम के लिए सभी काम करते रहेंगे. वह फिलहाल ये पद छोड़ रहे हैं.

कोलकाता के इस सांसद से चल रही है अनबन

प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 मार्च को तृणमूल कांग्रेस ब्रिगेड की तैयारी को लेकर सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने गुरुवार रात उत्तरी कोलकाता के नेताओं की बैठक बुलाई. वहां कुणाल का फोन नहीं आया. इससे वह नाराज हो गए. कई लोगों के मुताबिक, शायद इसीलिए उन्होंने गुरुवार रात की पोस्ट की. हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई भी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है.

बता दें कि कुणाल घोष सारदा चिटफंड मामले में लंबे समय तक जेल हिरासत में रहे थे, लेकिन जमानत मिलने के बाद उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ गई थी. टीएमसी में उनकी वापसी और उन्हें पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई थी. कुणाल घोष ने हमेशा युवा और बुजुर्ग, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बारे में खुलकर बात की थी. इस बीच पार्टी ने उन्हें कुछ दिनों के लिए ‘सेंसर’ भी कर दिया था.

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