Share Market: भारतीय शेयर बाजार में आज यानी बुधवार को बड़ी गिरावट आई. बीएसई सेंसेक्स 790.34 अंक लुढककर 72,304.88 के स्तर पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी-50 247.10 अंक गिरकर 21,951.20 पर बंद हुआ.
आज स्मॉलकैप शेयरों में ज्यादा गिरावट दर्ज की गई. शेयर बाजार में आज आई गिरावट से निवेशकों को लगभग 6.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.
मिडकैप, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप इंडेक्सेज करीब 2 फीसदी तक गिरे. सेंसेक्स आज तेजी के साथ 73,162.82 के स्तर पर खुला था. लेकिन, यह तेजी दिन में बरकरार नहीं रही और ये दिनभर दबाव में ही नजर आया. एक बार यह 72,229 के स्तर तक चला गया. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज 28 फरवरी को घटकर 385.75 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी मंगलवार 27 फरवरी को 391.99 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 6.24 लाख करोड़ रुपये घटा है.
लाल निशान में बंद हुए सेक्टोरेल इंडेक्स
निफ्टी पर पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, अपोलो हॉस्पिटल्स, आयशर मोटर्स और मारुति सुजुकी सबसे ज्यादा गिरे. वहीं, एचयूएल, इंफोसिस, टीसीएस और भारती एयरटेल आज सबसे ज्यादा चढने वाले शेयरों में शामिल रहे. आज सभी सेक्टोरेल इंडेक्स लाल निशान में बदं हुए. ऑटो, तेल एवं गैस, बिजली और रियल्टी में 2-2 फीसदी की गिरावट आई.
आज हिंदुस्तान जिंक, एचडीएफसी लाइफ, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, एनएमडीसी लिमिटेड, लार्सन ऐंड टुब्रो, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, ग्लोबस स्पिरिट, कोटक महिंद्रा बैंक, ओएनजीसी, पंजाब एंड सिंद बैंक, यूपीएल लिमिटेड, देवयानी इंटरनेशनल, एशियन पेंट्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.
ब्रॉडर मार्केट में भी तेज गिरावट देखी गई. बीएसई के मिडकैप इंडेक्स और बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स दोनों 2 फीसदी टूट गए. पिछले कुछ महीनों से ब्रॉडर मार्केट में ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं जताई जा रही थी. जिसने निवेशकों को लगातार आंशिक मुनाफावसूली करने के लिए मजबूर किया है.
क्यों गिरा बाजार?
आज की गिरावट के पीछे मुख्य कारण इंडेक्समें भारी वेटेज रखने वाले शेयरों खासतौर से वित्तीय शेयरों का कमजोर प्रदर्शन रहा. HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, SBI और ICICI बैंक 1 फीसदी से ज्यादा गिरकर बंद हुए. बाजार पर ग्लोबल बाजारों में कमजोरी का भी असर रहा, जो गुरुवार को पर्सनल एक्सपेंडिपेंचर प्राइस इंडेक्स के आंकड़े जारी होने से पहले लाल निशान में रहे.