बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार की काफी आलोचना हो रही है। अब उनकी हरकतों को पाकिस्तान के न्यूजपेपर डॉन ने भी छापा है। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा कि सोशल मीडिया पर भारत और पाकिस्तान के यूजर्स नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के कई लोग लिख रहे हैं कि ऐसा करके भारत में मुस्लिमों के खिलाफ ऐसी घटनाओं को सामान्य बनाया जा रहा है।इस वीडियो ने भारत और पाकिस्तान में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग नीतीश कुमार से माफी मांगने के साथ-साथ उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा
डॉन ने लिखा, नीतीश कुमार ने एक दीक्षांत समारोह में एक महिला डॉक्टर का हिजाब अपने हाथों से खींच दिया। जैसे ही नुसरत परवीन मंच पर आईं नीतीश कुमार ने उन्हें अपना हिजाब हटाने का इशारा किया और इससे पहले कि वह कुछ कह पातीं या सहमति दे पातीं, नीतीश कुमार ने हाथ बढ़ाकर खुद ही उनका नकाब खींच दिया। पटना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक वीडियो क्लिप में नीतीश कुमार को एक महिला के चेहरे से हिजाब खींचते हुए देखा गया, जो काफी वायरल हो रहा है।
वीडियो क्लिप में नीतीश कुमार एक महिला डॉक्टर को प्रमाण पत्र देते हुए उन्हें अपने चेहरे से हिजाब हटाने का इशारा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। महिला की प्रतिक्रिया से पहले ही, नीतीश कुमार ने हाथ बढ़ाकर हिजाब खींच दिया, जिससे महिला डॉक्टर का मुंह और ठोड़ी दिख गई। नीतीश कुमार द्वारा महिला का चेहरा ढकने वाला कपड़ा खींचने की इस हरकत की कड़ी निंदा हो रही है और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठ रहे हैं।
पाकिस्तान ने की कड़ी निंदा, जानें क्या कहा?
पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद ने नीतीश कुमार की इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय सरकार से इस घटना की तत्काल, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। नीतीश कुमार का क्लिप शेयर करते हुए कहा, “यह घटना केवल एक महिला का अपमान नहीं है, बल्कि मानवीय गरिमा, धार्मिक स्वतंत्रता, महिलाओं की व्यक्तिगत स्वायत्तता और मौलिक मानवाधिकारों पर खुला हमला है, जो किसी भी सभ्य, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश में अस्वीकार्य है।”
पाकिस्तान की मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ऐसी घटनाओं पर संज्ञान लेते हैं और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए भारत से जवाबदेही की मांग करते हैं। हम मांग करते हैं कि भारतीय अधिकारी पीड़ित महिला से व्यक्तिगत और आधिकारिक स्तर पर औपचारिक रूप से माफी मांगें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कानूनी उपाय सुनिश्चित करें।’
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