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महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर जुन्नर के विधायक शरद सोनावणे तेंदुए की वेशभूषा पहनकर सदन पहुंचे. वहां मौजूद हर कोई हैरान, जाने वजह

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर बुधवार को एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब जुन्नर के विधायक शरद सोनावणे तेंदुए की वेशभूषा पहनकर सदन पहुंचे. सिर से पांव तक तेंदुए के प्रिंट वाली पोशाक पहने विधायक को देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया. हर कोई उनके इस अंदाज को देखकर हंसने लगा. इस दौरान विधायक तेंदुए की तरह आवाज भी निकालते हैं. पूरे राज्य में विधायक की चर्चा हो रही है.

दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान पुणे जिले के जुन्नर के निर्दलीय विधायक शरद सोनवणे तेंदुए का वेश पहनकर विधानसभा परिसर पहुंचे थे. उनका यह अनोखा प्रदर्शन राज्य में बढ़ते तेंदुआ-मानव संघर्ष और हमलों की घटनाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए था.

तेंदुओं के बढ़ते हमलों से ग्रामीणों में दहशत

सोनवणे ने कहा कि महाराष्ट्र के कई इलाकों, खासकर पुणे (जुन्नर, शिरूर), अहिल्यानगर और नासिक जिलों में तेंदुओं के बढ़ते हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. जिसकी वजह से कई किसान अब खेतों में काम करने से डर रहे हैं. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इसे राज्य आपदा (State Disaster) घोषित करे साथ ही हर जिले में रेस्क्यू सेंटर बनाए. विधायक ने कहा कि तेंदुए अब गांवों और खेतों में लगातार दिखाई दे रहे हैं, जिससे लोगों की जान को खतरा है और लोगों में दहशत का माहौल है. डर की वजह से लोग घरों से निकलने में भी घबरा रहे हैं. उन्होंने सरकार से जंगली जानवरों के प्रबंधन के लिए ठोस नीति बनाने की भी अपील की.

इस बीच, विधानसभा में वन मंत्री गणेश नाइक ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को जंगलों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ने के निर्देश दिए हैं, ताकि तेंदुए शिकार की तलाश में मानव बस्तियों में न आएं. नाइक ने कहा, ‘अगर तेंदुए के हमले में चार लोग मारे जाते हैं, तो राज्य को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ता है. इसलिए मैंने अधिकारियों से कहा है कि मौतों के बाद मुआवजा देने के बजाय, उतनी ही राशि की बकरियां जंगल में छोड़ दी जाएं ताकि तेंदुए वहीं रहें’.

रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्र की स्थापना

सरकार इस समय मानव-तेंदुआ संघर्ष को गंभीरता से लेकर विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है, जिनमें रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्र की स्थापना, जैविक बाड़ और बांस की रेखाएं लगाने और मानव सुरक्षा एवं वन्य जीव संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के उपाय शामिल हैं.

विधानसभा में यह मुद्दा बुधवार को तब और गर्म हो गया जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने तेंदुआ हमलों को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया.राज्य सरकार अब इस विषय पर विस्तृत नीति और दीर्घकालिक रणनीति बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि किसानों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके

About Manish Shukla

Manish Shukla
मैं मनीष शुक्ला RBNEWS PVT LTD नेटवर्क में मुख्य संपादक एवं डायरेक्टर हूं. मीडिया उद्योग में 4 वर्षों से अधिक अनुभव के साथ, मैं रिपोर्टिंग और विश्लेषण में अपने अनुभव का लाभ उठाकर पाठको को आकर्षित और जागरूक करने वाली उच्च-प्रभाव वाली खबरों को सत्यतापूर्वक पेश करता हूं. वर्तमान में, मैं यु.पी., एम.पी., बिहार, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली सरकार की राजनीतिक व अपराधिक घटनाओं, एवं प्रवर्तन निदेशालय (ED), CBI को कवर करने, के साथ कुछ इंटरव्यू और समसामयिक मामलों पर व्यावहारिक विश्लेषण प्रदान करने के लिए ज़िम्मेदारी निभा रहा हूं.

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