नई दिल्ली: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार से अगले साल के लिए वायु प्रदूषण पर एक प्लान तैयार करने को कहा गया है। उन्होंने धूल का मुख्य कारण सड़कों के गड्ढों को बताया। यादव ने कहा, ‘हमने दिल्ली सरकार से इस मुद्दे पर अगले साल की योजना तैयार करने को कहा है। धूल का सबसे बड़ा कारण गड्ढे हैं। दिल्ली में हरी-भरी जगहें बढ़ाने पर बात हुई है। हमने दिल्ली में 61 ट्रैफिक हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं। CAQM वाहन प्रदूषण पर एक विशेषज्ञ समिति बना रहा है। दिसंबर में हम गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव के साथ बैठकें करेंगे। पराली के बारे में हम चंडीगढ़ में हरियाणा और पंजाब के साथ बैठक आयोजित करेंगे।’
भूपेंद्र यादव ने आगे कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ठोस कचरा प्रबंधन पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने CRM मशीनें उपलब्ध कराने के बाद 2018 की तुलना में पराली जलाने में 90 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम अगले एक साल की योजना पर जमीनी स्तर पर काम करेंगे। हम स्थानीय निकायों के साथ एक मुहिम शुरू करेंगे और युवाओं को शामिल करेंगे। प्रधानमंत्री की ‘एक पेड़ मां के नाम’ और ‘मिशन लाइफ’ जैसी पहलें नागरिकों के लिए अनुकूल पर्यावरण बनाने के लिए हैं।’
फैसलों को जमीनी स्तर पर जल्द लागू करने को कहा गया
बुधवार को दिल्ली में वायु प्रदुषण पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए भूपेंद्र यादव ने सभी संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश अधिकारियों से पिछली 5 बैठकों में लिए गए फैसलों को जमीनी स्तर पर जल्द लागू करने को कहा, ताकि दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता सुधरे। मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में दिल्ली के पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद थे। प्रत्येक एक्शन पॉइंट की बारीकी से समीक्षा करते हुए, यादव ने दिल्ली-NCR में सभी चिन्हित श्रेणियों में एक्शन प्लान की उच्च गुणवत्ता वाली क्रियान्वयन पर जोर दिया। मंत्री ने अनुरोध किया कि हर हितधारक प्रदूषण को स्रोत पर नियंत्रित करने के लिए आने वाले साल की विस्तृत वार्षिक एक्शन प्लान तैयार करे। (ANI)
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