Gujarat: गुजरात के स्कूलों में अब श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई जाएगी. इसको लेकर गुजरात विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया है. गुजरात शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कक्षा 6 से 12वीं तक के छात्रों के क्रमवाइज गीता का पाढ़ पढ़ाया जाएगा. पूरे विश्व में गीता एक विचारधारा है. गीता एक पथ है. इस प्रस्ताव को विधानसभा में द्विदलीय समर्थन मिला. आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी इसका समर्थन किया और कांग्रेस ने प्रारंभिक आपत्तियों के बावजूद इस मुद्दे पर वोट किया और आखिरकार विधानसभा में प्रस्ताव पास हो गया.
नए सत्र से स्कूलों में पढ़ाई जाएगी गीता
शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने आगे कहा कि नए सत्र से प्रदेश के स्कूलों में 6 से 12वीं कक्षा तक भगवद गीता पढ़ाई जाएगी. एसएस स्कूल के डायरेक्टर प्रतीक भाटी का कहना है कि स्कूल में जो पढ़ाई होती है वो एक्सप्लेनेशन के द्वारा ही होती है. जैसे ही पाढ़ पढ़ाया जाता है वैसे ही गीता के पाठ को भी पढ़ाया जाएगा. कोई स्पेशल धर्म की तरह हमें उसको लेने में या पढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि श्रीमद्भगवद्गीता किसी एक धर्म के लिए नहीं है वो सब धर्मों को कुछ ना कुछ सिखाती है. हर पीढ़ी को उससे कुछ ना कुछ संदेश मिलता है. कक्षा 9 से 12 तक के छात्र अपनी पहली भाषा की पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाओं का अनुभव करेंगे.
‘छात्रों की जिज्ञासा और समझ को मिलेगा बढ़ावा’
अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाने का फैसला लागू करने का मकसद छात्र-छात्राओं को भारत की समृद्ध और विविधता भरी संस्कृति और परंपराओं से रूबरू करवाना इससे जोड़ना है और उनमें गर्व की भावना भरना है. अधिकारियों के अनुसार, गीता को स्कूलों में इस तरफ से पढ़ाया जाएगा जिससे उनमें जिज्ञासा और समझ को बढ़ावा मिले. इससे छात्रों को विविध ज्ञान परंपराओं से जोड़ा जाएगा.