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राहुल गांधी की पीएम मोदी और छठ को लेकर की गई टिप्पणी पर हंगामा शुरू, बीजेपी नेताओं ने निशाना साध जमकर खरी-खोटी सुनाई

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी और छठ को लेकर ऐसा बयान दे डाला है, जिसके बाद बीजेपी नेता उनके ऊपर हमलावर रवैया अपना रहे हैं और उनकी आलोचना कर रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर राहुल बनाम पीएम मोदी की सियासी लड़ाई चर्चा में आ गई है।

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था, “वोटों के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं, यहां तक कि नाच भी सकते हैं।” इसके अलावा राहुल ने भाजपा पर बिहार में नीतीश कुमार सरकार को “रिमोट कंट्रोल” से चलाने का आरोप लगाया था।

राहुल ने कहा था, “आपने टीवी पर वह ड्रामा देखा होगा कि मोदी छठ पूजा के लिए यमुना में डुबकी लगाने जा रहे थे। जब यह खुलासा हुआ कि नदी इतनी गंदी है, तो साफ, पाइप से आने वाले पानी से एक गड्ढा बना दिया गया था, तो इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।”

उन्होंने दावा किया, “नरेंद्र मोदी हर तरह का ड्रामा करने को तैयार हैं। आप किसी चुनावी रैली में उनसे यह कहकर देखिए कि प्रधानमंत्री जी, अगर आप नाचेंगे तो हम आपको वोट देंगे। वह खुशी-खुशी भरतनाट्यम करने लगेंगे।”

राहुल की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बात

प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल गांधी की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव के लिए भाजपा के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा, “राहुल गांधी द्वारा बिहार की पवित्र धरती से लोक आस्था के महापर्व छठ का अपमान करना करोड़ों श्रद्धालुओं की भावना पर गहरा आघात है। राहुल गांधी का बयान सनातन संस्कृति के प्रति राहुल गांधी की घृणा को दर्शाता है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस की गहराई तक बैठी नफरत और हताशा को भी उजागर करती है। राहुल गांधी ने अपनी सामंतवादी सोच, राजनीतिक कुंठा और पराजय के भय से ग्रसित होकर ये बयानबाजी की है। यह वही मानसिकता है, जो पहले भी प्रधानमंत्री और उनकी पूज्य माता के प्रति अमर्यादित वक्तव्य देती रही है।”

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और उनके महा-ठगबंधन ने जंगलराज को बढ़ावा देते हुए हमेशा बिहार के गरीब, किसान, महिला और युवाओं की आकांक्षाओं को रौंदने का काम किया है और आज ये लोग स्पष्ट रूप से हार की बौखलाहट में ऐसी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर, बिहार की जनता विकास और सुशासन चाहती है, न कि परिवारवाद और नफरत की राजनीति।”

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “राहुल गांधी को महापर्व छठ और प्रधानमंत्री को लेकर अपने इस अपमानजनक व मर्यादाओं की सारी सीमाएं लांघने वाले इस बयान के लिए बिहार और देश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”

सुधांशु त्रिवेदी ने भी राहुल पर साधा निशाना

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विदेश भ्रमण में भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार करने के बाद, आज बिहार में प्रचार के पहले ही दिन भारतीय संस्कृति के सबसे महान पर्वों में से एक और बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ पूजा के लिए ‘ड्रामा’ जैसा शब्द प्रयोग किया है। यह जन-जन से लेकर प्रधानमंत्री तक की छठी मइयां के प्रति आस्था का अपमान करने वाला निंदनीय बयान है।”

उन्होंने कहा, “मैं महागठबंधन की तरफ से ख्वाबों-खयालों के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव जी से पूछना चाहता हूं कि बिहारियों के अपमान की कितनी लंबी श्रृंखला आप बर्दाश्त करने को तैयार हैं? पहले आपने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को बुलाया, जिनके मंत्रियों ने बिहार के लोगों के लिए अपमानजनक शब्द बोले, उन्होंने कहा, “बिहारी यहां सफाई करने आते हैं”। आपने बिहार की धरती पर बिहार के स्वाभिमानी श्रमिकों का यह अपमान करवाया। इसके बाद, आपने तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी को बुलाया, जिन्होंने बिहार के कुर्मी समुदाय का नाम लेकर कहा कि “बिहार का डीएनए खराब है”। और अब राहुल गांधी द्वारा बिहार की आस्था के सबसे बड़े प्रतीक छठ महापर्व का इतना बड़ा अपमान करवाकर, आप बिहार की जनता की और कितनी बेइज्जती अपने महागठबंधन से करवाना चाहते हैं?”

भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने भी राहुल को लिया आड़े हाथ

भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा, “राहुल गांधी अपनी सबसे बड़ी हार को देखकर हताश हो गए हैं। और इसी हताशा में वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ दिनों में वे प्रधानमंत्री के परिवार के खिलाफ भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं। गाली-गलौज और अपमान करना कांग्रेस और राजद का चलन बन गया है, और इसे ही हम जंगल राज कहते हैं।”

भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा, “राहुल गांधी, नाचने से आपका क्या मतलब है? क्या आप नाच रहे हैं? आप बिहार के विकास की बात क्यों नहीं करते? हम बिहार के विकास की बात कर रहे हैं। हम मखाना बोर्ड, पलायन कम करने और बिहार में शिक्षा लाने की बात कर रहे हैं। हम बिहार को देश का एक विकसित राज्य बनाने की बात कर रहे हैं, और राहुल गांधी और राजद किस बारे में बात कर रहे हैं? अगर वे सत्ता में आए, तो वे वक्फ बोर्ड बिल को फाड़ देंगे। अगर वे सत्ता में आए, तो वे नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को खत्म कर देंगे। अगर वे सत्ता में आए, तो वे और रोजगार पैदा करेंगे, वो भी जनसंख्या से ज़्यादा। यह सब हार की हताशा का प्रतीक है। कांग्रेस अपने इतिहास की सबसे बुरी हार की ओर बढ़ रही है। इस बार कांग्रेस विधायकों की संख्या इकाई अंक में ही रहेगी।”

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