बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दूसरी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का आयोजन कर रहे हैं. वहीं टीवी9 से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने यात्रा के साथ-साथ ‘आई लव मोहम्मद’ पर चल रहे विवाद पर भी खुलकर बात की. बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री ने दूसरी पदयात्रा के उद्देश्य के सवाल पर कहा कि हमारी यह पदयात्रा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को जन-जन तक पहुंचाने के लिए है.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत की आत्मा धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि सनातन परंपरा है, जो सभी को साथ लेकर चलती है.
हिंदू राष्ट्र का अर्थ सिर्फ हिंदू धर्म से नहीं
वहीं हिंदू राष्ट्र के शब्द पर कुछ लोगों की आपत्ति पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का अर्थ सिर्फ हिंदू धर्म से नहीं है. इसमें मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध- सभी धर्मों के लोग रह सकते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि सब लोग शांति और अमन से रहें. लेकिन जो व्यक्ति आतंक, कट्टरता या धर्म विरोधी विचार फैलाएगा, उसे उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा.
इस देश में रहना है तो सीताराम कहना होगा
वहीं हाल ही में ‘आई लव मोहम्मद’ के नारे पर धीरेंद्र शास्त्री का बयान चर्चा में रहा. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आई लव मोहम्मद कहना गलत नहीं है. हर धर्म अपने इष्ट का आदर करता है, यह अच्छी बात है. लेकिन अगर कोई महादेव या सीताराम का विरोध करते हुए ऐसा कहे, तो यह गलत है. इस देश में रहना है तो सीताराम कहना होगा, क्योंकि यही इस भूमि की आत्मा है. उन्होंने कहा कि हम किसी के धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अपने धर्म का अपमान भी नहीं सहेंगे.
पदयात्रा एक आध्यात्मिक क्रांति
‘कभी आप भी हिंदू थे, यह मत भूलो’, इसका अर्थ बताते हुए उन्होंने कहा कि यह वाक्य किसी समुदाय को नीचा दिखाने के लिए नहीं है. हमारा आशय यह है कि भारत का इतिहास, संस्कृति और जड़ें- सब सनातन से जुड़ी हैं. यह भूमि सबको जोड़ने वाली है. जो इस भूमि की परंपरा को भूलेगा, वह अपनी जड़ों से कट जाएगा.
वहीं यात्रा से समाज में क्या संदेश जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा एक आध्यात्मिक क्रांति है. इसमें हम धर्म, संस्कृति, राष्ट्र और मानवता- इन चार स्तंभों को एक सूत्र में बांधने का प्रयास करेंगे. हमारा उद्देश्य विवाद नहीं, संवाद है.
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा – नवंबर 2025
इस पदयात्रा का दिल्ली के लालकिला परिसर से शुभारंभ पूजा-अर्चना, गंगा जल अभिषेक, राष्ट्र गीत के साथ शुरु की जाएगी.
- 8 नवंबर – गुरुग्राम (हरियाणा) सत्संग, जनसभा, धर्म-संवाद
- 9 नवंबर पलवल – सामूहिक भजन संध्या, गरीब परिवारों में वस्त्र वितरण
- 10 नवंबर – मथुरा सीमा प्रवेश – वृंदावन यात्रा की पूर्व घोषणा, रामधुन के साथ स्वागत
- 11 नवंबर वृंदावन यज्ञ एवं गीता प्रवचन, संतों की संगोष्ठी
- 12 नवंबर गोवर्धन परिक्रमा आयोजन, गौ सेवा
- 13 नवंबर कोसीकलां – युवा सम्मेलन – धर्म और राष्ट्र निर्माण
- 14 नवंबर – फ़रीदाबाद – दिल्ली वापसी – शांति यात्रा एवं श्रद्धालुओं का आशीर्वाद
- 15 नवंबर – दिल्ली, रामलीला मैदान – विशाल सनातन धर्म सभा, संत सम्मेलन
- 16 नवंबर (रविवार) समापन समारोह, वृंदावन राष्ट्र शांति यज्ञ, ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संदेश के साथ यात्रा का समापन
यात्रा की विशेषताएं
- लगभग 131 किलोमीटर की दूरी, 10 दिन, 3 राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) से यात्रा गुजरेगी.
- रोजाना 10-12 किलोमीटर पैदल यात्रा, दोपहर में विश्राम, शाम को सत्संग व प्रवचन.
- सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनलों पर ‘चलो बागेश्वर सरकार के साथ’ नामक डिजिटल कवरेज अभियान.
- यात्रा का समापन ‘भारत हिंदू राष्ट्र संकल्प यज्ञ’ के साथ होगा.
- बाबा बागेश्वर धाम की यह पदयात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रयास है.
- उन्होंने साफ कहा कि ‘हम धर्म को राजनीति से ऊपर मानते हैं, लेकिन राष्ट्र की रक्षा भी हमारा धर्म है.’