जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने बुधवार (10 सितंबर) को एक आतंकवादी के भागने के मामले में दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा और बिजबेहरा में छापेमारी की. इस मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक गुल रफीकी और अन्य आरोपी हैं, जिन पर आतंकवादी को पासपोर्ट उपलब्ध कराने का आरोप है.
एसआईए अधिकारियों के अनुसार, एसआईए की टीमों ने पुलिस के साथ मिलकर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और अनंतनाग जिलों के अवंतीपोरा और बिजबेहरा में दो संदिग्ध स्थानों पर 2005 में हिजबुल आतंकवादी अमीन बाबा के पाकिस्तान भागने से जुड़े एक मामले में छापेमारी की.
पाकिस्तान जाने में ऐसे हुआ कामयाब
छापे के बाद जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एसआईए ने कहा, “हिज्ब-उल-मुजाहिदीन संगठन के डिवीजनल कमांडर बाबा का पाकिस्तान भागना पूर्व विधायक गुल रफीकी और अन्य के सहयोग से रचा गया था.” एसआईए अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने आतंकवादी के लिए एक फर्जी पासपोर्ट हासिल किया और उसे अनंतनाग से विधायक की सरकारी गाड़ी में अटारी पहुंचाया, जिससे वह पाकिस्तान जाने में कामयाब हो गया.
घाटी से भागने में मदद करने का है आरोप
गुल रफीकी 1996-2002 तक नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक रहे और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. गुल रफीक पर हिजबुल मुजाहिदीन के डिवीजनल कमांडर मोहम्मद अमीन बाबा को अपनी सरकारी गाड़ी में अमृतसर ले जाकर घाटी से भागने में मदद करने का आरोप है.
एसआईए अधिकारियों ने कहा, “बाबा ने श्रीनगर के फर्जी पते पर पासपोर्ट भी हासिल कर लिया और आतंकवादी को वाघा सीमा तक पहुंचाया, जहाँ से वह सीमा पार करके पाकिस्तान में प्रवेश कर गया.”
पूर्व विधायक के तत्कालीन सचिव फारूक अहमद भट, निजी सुरक्षा अधिकारी केवल सिंह और ड्राइवर श्याम सहित तीन लोगों को 2 मई, 2005 को अमीन बाबा और अन्य आतंकवादियों को वाघा सीमा तक ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहाँ से बाबा पाकिस्तान भाग गया था.
जावेद अहमद को किया गिरफ्तार
सूत्रों ने बताया कि यह मामला तब प्रकाश में आया जब जम्मू-कश्मीर पुलिस अनंतनाग में एक बारूदी सुरंग विस्फोट मामले की जांच कर रही थी और एक संदिग्ध जावेद अहमद को गिरफ्तार किया. हिज्ब कमांडर बाबा भी इस मामले में एक संदिग्ध था और जब पुलिस ने जावेद से उसके बारे में पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि बाबा हाल ही में अमृतसर के रास्ते पाकिस्तान भाग गया था.
शुरुआत में, भागने के मामले में प्राथमिकी संख्या 98/2005 बिजबेहरा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसे बाद में सभी आतंकवाद संबंधी मामलों की फिर से जांच के लिए एसआईए कश्मीर को वर्ष 2023 में विशेष जांच के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था. अब तक, एसआईए कश्मीर ने पूर्व सहित 4 लोगों के खिलाफ सफलतापूर्वक आरोप पत्र दायर किया है. विधायक और उनके निजी सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है.
इस मामले में नए छापे एसआईए कश्मीर द्वारा सबूत इकट्ठा करने और सभी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के अथक प्रयासों का प्रतीक हैं.