27 August Ganesh Sthapana Muhurat: वैसे तो हर माह की चतुर्थी तिथि गणेश जी की पूजा के लिए बेहद शुभ मानी गई है. लेकिन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का हिंदू धर्म में खास महत्व है, क्योंकि इस तिथि को गणपति बप्पा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश में बड़ी धूमधाम से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. हर साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जो गणेश जी के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस बार 10 दिवसीय गणेश महोत्सव आज 27 अगस्त से शुरू हो गया है, जो कि 6 सितंबर तक चलेगा.
गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक उनकी श्रद्धाभाव से सेवा करते हैं. कुछ घरों में पूरे 10 दिनों तक बप्पा को स्थापित किया जाता है, तो कहीं-कहीं 3, 5 या 7 दिनों के लिए भी गणेश जी की स्थापना की जाती है. अगर आप भी गणेश चतुर्थी पर अपने घर में बप्पा की स्थापन करने जा रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप अपने शहर के टाइम के हिसाब से किस समय गणपति स्थापना कर सकते हैं.
कब समाप्त होगी चतुर्थी तिथि?
पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे शुरू हुई, जिसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे होगा. ऐसे में चतुर्थी तिथि समाप्त होने से पहले गणपति स्थापना कर लेनी चाहिए.
- गणेश चतुर्थी पूजा टाइम:- 27 अगस्त को 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक.
- गणेश चतुर्थी वर्जित चंद्र दर्शन टाइम:- 27 अगस्त सुबह 9:28 रात 8:57 बजे तक.
शहर | टाइम |
नोएडा | सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक |
नई दिल्ली | सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक |
गुरुग्राम | सुबह 11:06 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक |
मुंबई | सुबह 11:24 बजे से दोपहर 01:55 बजे तक |
चंडीगढ़ | सुबह 11:07 बजे से दोपहर 01:42 बजे तक |
बेंगलुरू | सुबह 11:07 बजे से दोपहर 01:36 बजे तक |
कोलकाता | सुबह 10:22 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक |
पुणे | सुबह 11:21 बजे से दोपहर 1:51 बजे तक |
चेन्नई | सुबह 10:56 बजे से दोपहर 01:25 बजे तक |
जयपुर | सुबह 11:11 बजे से दोपहर 01:45 बजे तक |
हैदराबाद | सुबह 11:02 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक |
अहमदाबाद | सुबह 11:25 बजे से दोपहर 01:57 बजे तक |
गणेश जी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
गणेश जी की पूजा में तुलसी, केतकी के फूल, चंद्रमा से जुड़ी सफेद चीजें (जैसे सफेद फूल, सफेद जनेऊ, बिना रंगीन चावल) और टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए. गणेश जी को मुरझाए या सूखे फल और बासी फूलमाला भी नहीं चढ़ानी चाहिए.
गणेश जी का सबसे प्रिय भोग क्या है?
भगवान गणेश का सबसे प्रिय भोग मोदक है, जो कि नारियल और गुड़ से बनता है. मोदक के अलावा, गणेश जी को लड्डू (खासतौर पर बेसन और बूंदी के), केला, खीर और पयसम भी प्रिय हैं.
गणेश जी को भोग लगाने का मंत्र क्या है?
गणेश जी को भोग लगाने के लिए सबसे प्रसिद्ध मंत्र है:- “त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।” इस मंत्र का अर्थ है कि मेरे पास जो कुछ भी है, वह आपका ही दिया हुआ है और मैं उसे आपको समर्पित करता हूं, कृपया इसे स्वीकार करें.
गणेश जी को कितने मोदक चढ़ाने चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी को 21 मोदक चढ़ाने चाहिए. ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को 21 मोदक चढ़ाने से सभी विघ्न नष्ट होते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
गणेश जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
गणेश जी के कई प्रिय मंत्र हैं, लेकिन “ॐ गं गणपतये नमः” और “वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” ये दो मंत्र विशेष रूप से लोकप्रिय हैं. इन मंत्र का जाप करने से गणपति बप्पा शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. RBNEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)