कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत आज मध्य प्रदेश, उड़ीसा, पंजाब , झारखंड और उत्तराखंड के नेताओं की बैठक दिल्ली में हुई। आज की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल शामिल हुए। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आज हुई इस बैठक में राज्यों को मध्य प्रदेश में हुई गलतियों को न दोहराने की नसीहत दी गई।
बैठक में क्या हुआ?
सूत्रों के मुताबिक आज की इस बैठक में केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश की इकाई से नाराज दिखा। हाल ही में राज्य में हुई जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में गड़बड़ियों के मामले पर केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी नाराजगी जताई। साथ ही नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नेताओं को नसीहत दी कि वो आगे आने वाले दिनों में पारदर्शिता बरतते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति करें और मध्य प्रदेश जैसी गड़बड़ियां अन्य राज्यों में न हो। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा और गुजरात में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति से संतुष्ट दिखा।
मध्य प्रदेश में क्यों बिगड़ी बात?
दरअसल, मध्य प्रदेश में 14 से 15 जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर आक्रोश है। कई जिलों में किसी अन्य जिले के व्यक्ति को अध्यक्ष बना दिया गया है, तो कई जगहों पर ऐसे व्यक्ति को जिले की जिम्मेदारी दे दी गई है जिसकी छवि ठीक नहीं है। खंडवा में जिला अध्यक्ष बनाई गई प्रतिभा रघुवंशी गुना की निवासी हैं। इंदौर शहर अगर का जिला अध्यक्ष इंदौर ग्रामीण के व्यक्ति को बनाया गया है। भोपाल शहर, उज्जैन ग्रामीण, इंदौर, देवास, उज्जैन समेत कई जिलों में नियुक्ति को लेकर आक्रोश है।
गलती न दोहराने की नसीहत
इसके साथ ही कांग्रेस में प्रचलन रहा है कि आरक्षित विधानसभा और आरक्षित लोकसभा सीट पर कांग्रेस संगठनात्मक दृष्टि से जनरल कैटिगरी के व्यक्ति को जिला अध्यक्ष बनाती है लेकिन इस बार यह परंपरा भी मध्य प्रदेश में नहीं निभाई गई। लिहाजा आलाकमान राज्य की इकाई से नाराज दिखा और बाकी राज्यों के नेतृत्व को भी ऐसी गलती न दोहराने की नसीहत दी गई।