नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए. दोनों नेताओं के शामिल नहीं होने के लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. बीजेपी ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर देश का अपमान करने का नया निम्न स्तर छू लिया है. बीजेपी के आरोपों के बाद कांग्रेस के नेताओं ने भी पलटवार किया और यह बताया कि राहुल और खरगे स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में क्यों शामिल नहीं हुए.
बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस नेता गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा कि भाजपा को यह समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री मोदी का जो इतिहास है वो ये हैं कि पिछले 11 साल से वो लाल किले की प्राचीर से एकता की बात करने की बजाय लगातार विपक्ष के ऊपर आक्रमण करने के लिए इस मौके को इस्तेमाल करते हैं. वह भारत की राजनीति में लगातार विभाजन क्रिएट करने की बात करते हैं.
सप्पल ने आगे कहा कि पीएम लगातार ऐसी भाषा बोलते हैं जिसमें लगता है कि यह देश केवल 2014 में जागा है. जैसे आज भी उन्होंने बोला कि भारत खाद्यान्न में नंबर वन है, भारत चावल में नंबर वन है, मसाले में है, फ्रूट में है लेकिन यह बताने में उनकी जुबान लड़खड़ा गई कि नंबर वन हरित क्रांति की वजह से हुआ जो इंदिरा जी ने शुरू की कि नंबर वन राजीव जी की वजह से हुआ, जिन्होंने ऑयल सीड जैसे मिशन शुरू किए.
उन्होंने आगे कहा कि नंबर वन नरसिम्हा राव जी की रेजिम से हुआ जब श्वेत क्रांति की बात हुई. तो प्रधानमंत्री मोदी लगातार लगातार केवल और केवल विपक्ष को टारगेट करते हैं चाहे संसद के अंदर हो चाहे लाल किले से हो. इसीलिए बीजेपी का यह कहना सरासर गलत है पीएम संविधान की बात करते हैं. उनको ये समझना चाहिए की संविधान ने पीएम मोदी को देश को एक रखने और देश की एकता को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है. देश की एकता के लिए पहली चीज स्वाधीनता है, इस दिन वो कोई ऐसी बात न बोले जो विभाजक हो, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण वर्ष हम यह कह सकते हैं कि 11 साल का हमारा अनुभव ऐसा नहीं है.
बीजेपी बोली- यह राष्ट्रीय पर्व था, कोई जन्मदिन समारोह नहीं
दरअसल, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में दोनों नेताओं (राहुल-खरगे) की अनुपस्थिति के साथ ही कांग्रेस ने साबित कर दिया कि उसे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहिष्कार किया, जो लाल किले पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम था. यह एक राष्ट्रीय पर्व था, किसी का जन्मदिन समारोह या किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं था.