आगामी कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी उत्सव के लिए मानव पिरामिड बनाने की प्रैक्टिस के दौरान सोमवार को एक 11 वर्षीय गोविंदा की मौत हो गई। मुंबई के दहिसर इलाके में यह घटना हुई जिसके बाद बच्चों की सुरक्षा और भागीदारी को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। खुले मैदान में प्रैक्टिस के दौरान महेश जाधव के सिर में चोट लग गई। पुलिस ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “महेश जाधव हर साल दही हांडी उत्सव में हिस्सा लेता था। यह घटना इस बात का संकेत है कि कई गोविंदाओं की मंडलियां उचित सुरक्षा उपायों के बिना प्रैक्टिस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हेलमेट, सुरक्षा बेल्ट और हार्नेस का उपयोग न करने से त्योहारों में ऐसी घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। दहिसर पुलिस ने दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
दही हांडी कब है?
दही हांडी उत्सव भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी का एक हिस्सा है। इस बार यह त्यौहार 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन युवक इकट्ठे होकर एक मानव पिरामिड बनाते हैं। इसके बाद ऊपर एक दही से भरी हांडी (मिट्टी का बर्तन) लटकी होती है, उसे फोड़ते हैं। इस उत्सव में जो हिस्सा लेते हैं, उन्हें गोविंदा कहा जाता हैं।
दही हांडी के दौरान गोविंदाओं की सुरक्षा के क्या नियम हैं?
मुंबई में, दही हांडी उत्सव के लिए विशिष्ट सुरक्षा नियम हैं, जिनमें गोविंदाओं के लिए आयु सीमा और मानव पिरामिड की ऊंचाई सीमा शामिल है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस आयोजन में भाग लेने की अनुमति नहीं है। मानव पिरामिड की ऊंचाई 20 फीट तक सीमित है। ये नियम प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए थे।
- आयु सीमा: 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को दही हांडी आयोजन में भाग लेने की अनुमति नहीं है।
- ऊंचाई सीमा: मानव पिरामिड की ऊंचाई अधिकतम 20 फीट तक सीमित है।
- सुरक्षा उपाय: गिरने से बचने के लिए पिरामिड के नीचे सुरक्षा जाल या गद्दे बिछाए जाने चाहिए।
- निगरानी: भाग लेने वाले बच्चों को कड़ी निगरानी में और उम्र के अनुसार उचित आकार में होना चाहिए।