फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में नवाब अबू समद के ऐतिहासिक मकबरे में हंगामा और तोड़फोड़ के मामले में समाजवादी पार्टी ने अपने नेता पप्पू सिंह चौहान को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भाजपाई मानसिकता का कोई भी व्यक्ति जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो एवं PDA से इतर विचारधारा रखता हो या समाजवादी पार्टी में रहकर भाजपा के इशारे पर काम कर रहा हो वो या तो तत्काल पार्टी छोड़ दे या उसे चिन्हित करके पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। बता दें कि इस घटना में पप्पू सहित 150 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
सोमवार को फतेहपुर जिले में स्थित कई सदी पुराने नवाब अबू समद के मकबरे में कथित तौर पर कुछ हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने घुसकर हंगामा किया। उन्होंने मकबरे के अंदर धार्मिक नारेबाजी की और दावा किया कि इस जगह पर पहले मंदिर था। इस दौरान मकबरे के कुछ हिस्सों को नुकसान भी पहुंचाया गया। वीडियो फुटेज में कई लोग भगवा झंडे लिए हुए ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिखे। हालांकि, पुलिस का कहना है कि किसी के पास हथियार नहीं थे। घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे में सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है।
फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) अनूप कुमार सिंह ने बताया, ‘इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पूरा क्षेत्र ड्रोन की नजर में है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ मकबरे के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत भी मंगलवार रात तक पूरी कर ली गई। अपर पुलिस महानिदेशक (प्रयागराज) संजीव गुप्ता ने सोमवार रात घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों के साथ मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की रणनीति बनाई। उन्होंने पड़ोसी जिलों कौशांबी और प्रयागराज से अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाने की मंजूरी दी। साथ ही, इलाके में फ्लैग मार्च भी निकाला गया ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे।
FIR में पप्पू चौहान समेत इन लोगों के नाम
पुलिस ने इस मामले में धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल नेता), अभिषेक शुक्ला (बीजेपी नेता), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (बीजेपी नेता), विनय तिवारी (नगर पालिका सभासद), पुष्पराज पटेल, रितिक पाल, प्रसून तिवारी (बीजेपी) और पप्पू सिंह चौहान (सपा नेता) सहित 150 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पप्पू सिंह चौहान का इस मामले में नाम सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
उलेमा काउंसिल ने की घटना की निंदा
उलेमा काउंसिल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। काउंसिल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कुछ संगठनों पर ऐतिहासिक स्मारक को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा की मांग की है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और शांति व्यवस्था को हर हाल में बनाए रखा जाएगा।