कांग्रेस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ (शुल्क) और बढ़ाने की धमकी दिए जाने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया. कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि अब नरेंद्र मोदी के दोस्त ट्रंप ने भारत को खुली धमकी दी है. ट्रंप ने कहा है कि मैं भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाऊंगा.
कांग्रेस ने लिखा कि ट्रंप का कहना है- भारत बड़ी मात्रा में रूस से तेल खरीद रहा है, और उसे बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहा है. भारत को यूक्रेन में जो मारे जा रहे, उनकी परवाह नहीं है. ट्रंप हर दिन भारत के खिलाफ उल्टा सीधा बोल रहे हैं और नरेंद्र मोदी चुप चाप सब सुन रहे हैं. आखिर मोदी को ट्रंप से इतना डर क्यों लगता है?
अब नरेंद्र मोदी के दोस्त ट्रंप ने भारत को खुली धमकी दी है.
“ट्रंप ने कहा है कि मैं भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाऊंगा”
ट्रंप का कहना है- भारत बड़ी मात्रा में रूस से तेल खरीद रहा है, और उसे बेचकर बड़ा मुनाफा कमा रहा है. भारत को यूक्रेन में जो मारे जा रहे, उनकी परवाह नहीं है. pic.twitter.com/WLBSz37ksK
— Congress (@INCIndia) August 4, 2025
भारत पर टैरिफ और बढ़ाने की धमकी
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल की खरीद का हवाला देते हुए भारत पर टैरिफ और बढ़ाने की धमकी दी है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि टैरिफ कब और कितना बढ़ाने की योजना है. अमेरिका ने पिछले दिनों भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और रूसी तेल खरीद पर जुर्माना लगाने की घोषणा की थी.
ट्रंप ने दिया एक और झटका
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘हाउडी मोदी के लिए बहुत कुछ. नमस्ते ट्रंप के लिए बहुत कुछ. अबकी बार ट्रंप सरकार के लिए बहुत कुछ. बीजेपी सांसद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का तुरुप का इक्का बता रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कई बार गले मिलने और हाथ मिलाने के बावजूद ‘माई फ्रेंड डोलांड’ ने एक और झटका दिया है.
राष्ट्रीय हित के बजाय छवि निर्माण
जयराम रमेश ने सवाल किया, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हमारे विदेश मंत्री के लिए बहुप्रतीक्षित अग्रिम पंक्ति की सीट मिलने का क्या हुआ? प्रधानमंत्री के पहले व्हाइट हाउस पहुंचने का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि टैरिफ लगाए जा रहे हैं. बातचीत कहीं आगे नहीं बढ़ रही है, लेकिन पहलगाम हमले की भूमिका रचने वाले आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में दोपहर का भोज मिलता है. ऐसा तब होता है जब विदेश नीति राष्ट्रीय हित के बजाय छवि निर्माण के बारे में केंद्रित हो जाती है.